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कांग्रेस के संगठन महासचिव और पार्टी के प्रभारी महासचिव जयपुर के लिए रवाना

पंजाब के बाद अब राजस्थान में चल रही आपसी खींचतान को खत्म करने के लिए अजय माकन और के सी वेणुगोपाल जयपुर जा रहे हैं. जल्द कैबिनेट विस्तार किया जायेगा. सचिन पायलट के समर्थको को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी.

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Ravindra Singh
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Ajay Makan

अजय माकन( Photo Credit : फाइल )

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पंजाब के बाद अब राजस्थान में चल रही आपसी खींचतान को खत्म करने के लिए अजय माकन और के सी वेणुगोपाल जयपुर जा रहे हैं. जल्द कैबिनेट विस्तार किया जायेगा. सचिन पायलट के समर्थको को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी. निगम और बोर्ड में भी जगह दी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक़ सचिन पायलट राजस्थान में खाली पड़े 9 कैबिनेट पदों में से 6 से 7 अपने कोटे के विधायकों को मंत्री बनवाना चाहते हैं. अभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास खुद 38 पोर्टफोलियो हैं जिनको भी आवंटित किया जा सकता है. सचिन पायलट की बात मान ली जाती है तो सचिन दिल्ली में महासचिव बन जाएंगे पायलट को आलाकमान की तरफ से महासचिव का ऑफर किया गया है. अशोक गहलोत अपने लोगो के लिए को कैबिनेट में जगह चाहते है वो सचिन पायलट के खेमे की विधायकों को ज्यादा तवजजो देने को तैयार नहीं है.

आपको बता दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव करीब है, जिसकी आहट अब साफ तौर पर दिखाई देने लगी है. जहां सियासी दल अपनी तैयारी कर रहे हैं, वहीं, राजस्थान मंत्रिमंडल फेरबदल का  काउंटडाउन शुरू हो गया है. आलाकमान से जुड़े सूत्रों ने इसको लेकर स्पष्ट संकेत दिए है. इस बीच सूत्रों के हवाले से बड़ी सियासी खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि सचिन पायलट ने 3 विधायकों दीपेंद्र सिंह,बृजेन्द्र ओला और मुरारी मीणा को मंत्रिमंडल में लेने की की पैरवी की है. सूत्रों के अनुसार विश्वेन्द्र सिंह को भी फिर मंत्री बनाने पर सहमति बनी है, लेकिन रमेश मीणा पर अभी पेज फंसा हुआ है. वहीं, हेमाराम चौधरी डिप्टी स्पीकर बन सकते हैं.

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गहलोत और पायलट में हो चका विचार-विमर्श
मीडिया सूत्रों की मानें तो सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट समेत सभी पक्षों से विचार-विमर्श पूरा हो चुका है. मंत्रिमंडल में किस खेमे के कितने लोग रहेंगे ये भी तय हो चुका है. अब 'राजस्थान फॉर्मूले' की घोषणा किसी भी वक्त संभव है. इस सारे माहौल में राजनीतिक प्रेक्षक एक ही सवाल पूछ रहे? अगर सबकुछ है फाइनल हो गया तो फिर क्यों 'पैकेज' की नहीं हो रही घोषणा नहीं हो रही है? माना जा रहा है कि शायद किसी शुभ मुहूर्त का आलाकमान इंतजार कर रहा है.

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सीएम गहलोत ने नाराज हेमाराम को मनाया
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हेमाराम से कहा-'आप सीनियर आदमी हो, आपका मान-सम्मान होगा', लेकिन इस्तीफे पर हेमाराम की विधानसभा स्पीकर से मुलाकात नहीं हुई. 4 दिन से जयपुर में ही हेमाराम थे, लेकिन CPA के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. विधानसभा प्राक्क्लन समिति की बैठक नहीं बुलाई गई है. विधानसभा अधिकारी को कहा-'मैं इस्तीफा दे चुका तो कैसी कमेटी, कैसी मीटिंग'. दरअसल, विधानसभा अधिकारी ने पूछा था-'कब बुलानी है कमेटी की मीटिंग'. अब फिलहाल आज वापस बाड़मेर हेमाराम लौट गए हैं.

HIGHLIGHTS

  • राजस्थान कांग्रेस में जारी है सियासी घमासान
  • अजय माकन और केसी वेणुगोपाल राजस्थान के लिए रवाना
  • पायलट और सीएम गहलोत के बीच हो चुका विचार-विमर्श
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