गुर्जर आरक्षण को लेकर किरोड़ी सिंह बैंसला ने सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है. मगर महापंचायत पर सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क नहीं लगाने को लेकर महामारी एक्ट के तहत किरोड़ी सिंह बैंसला सहित 3 हजार लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर सरकार ने इस मामले को गरमा दिया है. अब गुर्जर समाज महामारी एक्ट को लेकर सरकार पर हमलावर हो रहा है. गुर्जर समाज अब कांग्रेस के कार्यक्रमों की आड़ में हमला बोला रहा है. किरोड़ी सिंह बैंसला ने सरकार को चेतावनी दी है कि गुर्जर मुकदमे के लिये तैयार है. मगर सरकारी कार्यकर्मो में जहां महामारी एक्ट का उल्लंघन हो रहा उनके खिलाफ भी मामला दर्ज हो. अब इसी मुद्दे पर भाजपा भी सरकार पर निशाना साध रही है.
कार्यक्रम में 100 से अधिक लोगों को इकट्ठे होने की इजाजत नहीं
महामारी एक्ट में 3 हजार गुर्जरों के खिलाफ केस दर्ज करना सरकार को भारी पड़ गया. अब गुर्जर नेताओं ने समाप अपराध समान दंड का नारा देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए मोर्चा खोल दिया. गुर्जर नेता आज जयपुर पहुंचे और डीजीपी और राज्यपाल को ज्ञापन देकर सीएम और पीसीसी अध्यक्ष के खिलाफ भी एपेडिमिक एक्ट में केस दर्ज करने की मांग की. दरअसल 17 अक्टूबर को गुर्जरों ने आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर के अड्डा गांव में बिना अनुमति महापंचायत की. किसी भी कार्यक्रम में 100 से अधिक लोगों को इकट्ठे होने की इजाजत नहीं है. पुलिस ने इसी आधार पर पंचायत में जुटे तीन हजार गुर्जरों के खिलाफ केस दर्ज किया.
उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए
गुर्जर नेताओं का आरोप है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद गाइड लाइन की पालना न करते हुए भीड़ इकट्ठी की. कई दफा सरकार बचाने के लिए राज्यपाल के यहां प्रदर्शन से लेकर होटलों में औऱ फिर सड़क पर केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दिया. गुर्जर नेताओं ने राज्यपाल से मांग की कि अगर गुर्जरों के खिलाफ इसी अपराध में केस दर्ज किया तो फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ क्यों नहीं? पूर्व गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया का कहना है कोई भी हो सरकार में हो सरकार के बाहर अगर कोई भी महामारी एक्ट के उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
Source : News Nation Bureau