राजस्थान की सियासत में बवाल मचा हुआ है. सीएम अशोक गहलोत राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं. वहीं राज्यपाल कोरोना महामारी का हवाला देते हुए विधानसभा सत्र बुलाने से इंकार कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दबाव की सियासत सही नहीं है.
कलराज मिश्र ने कहा, ' दबाव की सियासत सही नहीं है. मुझे अभी थोड़ा वक्त चाहिए. गहलोत सरकार ने 4 लाइन का सेशन बुलाने का प्रस्ताव दिया है. लेकिन असेंबली बुलाने के प्रस्ताव में कोई उसमें एजेंडा नहीं बताया गया. इसलिए हम उसके गुण दोष की जांच कर रहे हैं.
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वहीं शुक्रवार को सीएम गहलोत ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल हमारे राजप्रमुख और संविधान के हैड हैं. हम कोई टकराव नहीं चाहते हैं. ऐसा देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ कि राज्यपाल महोदय ने विधानसभा सेशन आहुत करने के लिए मंजूरी न दी है. राज्यपाल महोदय कैबिनेट के निर्णयों से बाउंड होते हैं. लगता है कि ऊपर के दबाव के कारण विधानसभा सत्र बुलाने के कैबिनेट के प्रस्ताव को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है.
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सीएम गहलोत ने आगे कहा कि लोकतंत्र की परंपरा रही है. यहां उल्टी गंगा बह रही है. हमने निवेदन किया है कि कोरोना पर चर्चा करना है. हमारे कुछ साथियों को हरियाणा में बंधक बनाकर रखा है. हम गांधीवादी तरीक़े से बैठे हैं. राज्यपाल का सभी सम्मान करते हैं. उम्मीद है कि वो जल्दी फैसला सुनाएंगे. सीएम की भाषा धमकाने वाली पर उन्होंने कहा कि पहले भैरो सिंह शेखावत ने भी ऐसा ही कहा था. सीएम ने कहा कि शेखावत की तरह हम भी धरने पर बैठे हैं.
Source : News Nation Bureau