जैसलमेर में मंगलवार को बिगड़े मौसम ने रेगिस्तान में बर्फीस्तान बना दिया. जिले के पोकरण इलाके के गांवों में बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने खेतों में बर्फ की चादर जमा दी. पोकरण इलाके के छाया, टोटा, अजासर, बोड़ाना आदि गांवों में सुबह से मौसम का मिजाज बगड़ा था. आसमान में बादलों के साथ घना कोहरा छा गया. दोपहर बाद जमकर बारिश हुई और बारिश के साथ ओलावृष्टि से चारों तरफ बर्फ ही बर्फ नजर आने लगी.
शीतलहर से कांपे लोग
लाठी कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र में मंगलवार को दोपहर में ओलावृष्टि के साथ शुरू हुई हल्की बरसात तेज झमाझम में बदल गई. दोपहर करीब ढाई बजे शुरू हुई हल्की बरसात साढे तीन बजे तक रुक रुककर जारी रही, लेकिन,साढे तीन बजे बाद बरसाती बादलों ने अचानक पूरे क्षेत्र को घेरकर बरसात की रफ्तार बढ़ा दी. जिससे एक बारगी तो पूरी तरह अंधेरा छा गया. करीब एक घंटे तक इलाके में झमाझम बरसे बादलों से गांव कि गलियो में पानी भर गया जिससे राहगिरों के साथ स्थानीय लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि इससे पहले मौसम ने सुबह से दोपहर तक कई रंग दिखाए. सुबह घना कोहरा छाया रहा जो 11 बजे के बाद धूप खिलने से छंटा. लेकिन करीब दो घंटे की हल्की धूप के बाद फिर बादल घिर आए और तेज हवाएं चलने लगी. इसी बीच करीब ढाई बजे बादल बरसना शुरू हो गए. जिसमें मोटी बूंदों के साथ पहले चने के आकार के ओले गिरे. फिर बाद में बरसात ने तेज रफ्तार पकड़ पूरे जिले को तरबतर कर दिया.
फसलों को नुकसान
जिले में मंगलवार को हुई ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी जीरा, ईसब, रायड़ा, गेंहू व चने की फसल को नुकसान होने की आशंका है. किसानों का कहना है कि मावठ कि बारिश किसानों के लिए फायदेमंद है मगर उसके साथ ओलावृष्टि ने किसानों के सपने को चूर-चूर कर दिया है. खेतों में खड़ी फसल फसलों को ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ है.