राजस्थान के हरीश जाटव मॉब लिचिंग मामले में हरीश के पिता रत्तीराम जाटव ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है. परिजनों का आरोप है कि मामले में न्याय नहीं मिलने के कारण रत्तीराम जाटव ने ये कदम उठाया. दरअसल राजस्थान के अलवर के भिवाड़ी के झिवाना गांव निवासी हरीश जाटव की मॉब लीचिंग में मौत हो गई थी. घटना 17 जुलाई की थी. परिजनों का आरोप है कि इस घटना के बाद भी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया और आरोपी लगातार हरीश जाटव के परिवार को धमकी देते रहे. हरीश जाटव के अंधे गरीब दलित पिता लगातार न्याय की गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की. उधर आरोपी भी लगातार बेखौफ होकर घूम रहे थे जिससे परेशान होकर पिता ने आत्महत्या कर ली.
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मृतक रत्तीराम के बेटे दिनेश जाटव ने बताया कि उसके भाई को फालसा गांव में एक महिला से बाइक की टक्कर से मौत के बाद पीट- पीट कर घायल कर दिया गया था. इसके बाद उसकी दिल्ली के अस्पताल में ईलाज के दौरान मौत हो गई. अलवर पुलिस इस मामले को एक्सीडेंट का रूप देने में जुटी हुई थी. इसका विरोध होने पर आईजी के निर्देश पर 302 में हत्या का मामला दर्ज हुआ था और पुलिस की सिफारिश पर जिला प्रशासन ने मृतक के परिजनों को 4 लाख 12 हजार की सहायता राशि दी थी. यानी पुलिस ने अप्रत्यक्ष रूप से इसे मॉब लिंचिंग का मामला मान लिया था.
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इसके बाद भी पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की ओर आरोपी पक्ष धमकी देकर रत्तीराम पर मुकदमा वापिस लेने का दबाव बनाता रहा . इसकी पुलिस से शिकायत भी की गई लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की. इतना ही वो पीड़ित पक्ष को धमका पर भगा भी देती थी. मृतक रत्तीराम के पुत्र दिनेश जाटव ने कहा कि पुलिस उंसके भाई हरीश जाटव के हत्यारों के खिलाफ कार्यवाही करती तो आज उंसके पिता जिंदा होते.