नाबालिग से रेप के दोषी आसाराम की सुनवाई ग्रीष्मकाल अवकाश तक के लिए टाल दी गई है. आसाराम को इलाज के लिए उत्तराखंड के आयुर्वेद सेंटर भेजने की मांग पर सुनवाई टाल दी गई है. आसाराम के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने एक सप्ताह के लिए सुनवाई टालने के आग्रह किया था और कहा-आसाराम बीमार है उनकी ताजा स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है. राज्य से उनकी मेडिकल रिपोर्ट तलब की जाए. कोर्ट ने रिपोर्ट तलब करने को लेकर कोई आदेश नहीं दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने पिछले हफ्ते सुनवाई टालने के सिद्धार्थ लूथरा के आग्रह पर आपत्ति जाहिर की और कहा- आप SC से सुनवाई टालने का आग्रह कर HC में पेश हो गए, ये गलत है. आपकी प्राथमिकता SC होनी चाहिए और भविष्य में ऐसा न हो.
इसके पहले आपको बता दें कि नाबालिग से रेप के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की मांग कर चुके हैं. आसाराम ने कोविड के संक्रमित होने के बाद आयुर्वेद इलाज के लिए सुप्रीम कोर्ट से 2 महीने की अंतरिम जमानत की गुहार लगाई थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था. बता दें कि एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के मामले में 2013 में गिरफ्तारी के बाद से आसाराम जोधपुर जेल में बंद है. साल 2013 से अब तक वह एक दर्जन से अधिक बार जमानत लेने की कोशिश कर चुका है लेकिन हर बार उसकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है.
कुछ दिनों पहले कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले आसाराम ने केरल में आयुर्वेदिक उपचार पाने के लिए दो महीने की अंतरिम जमानत की गुहार लगाई थी. उनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने जोधपुर एम्स से पूरी मेडिकल रिपोर्ट देने को कहा था. न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेंद्र कछवाह की उच्च न्यायालय की पीठ ने शुक्रवार को आसाराम की याचिका खारिज कर दी. पिछले दिनों आसाराम का जोधपुर एम्स में इलाज चल रहा था.
इसके पहले आसाराम को एंडोस्कोपी करवाने के लिए एम्स से मथुरादास माथुर हॉस्पिटल लाया गया था. जानकारी के मुताबिक आसाराम को अल्सर की भी समस्या है. इसीलिए एंडोस्कोपी करवाने के लिए उन्हें मथुरादास माथुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. यहां उनकी सर्जरी कराई गई थी. जानकारी के मुताबिक सर्जरी से पहले आसाराम को कई यूनिट खून भी चढ़ाया गया. क्योंकि डॉक्टरों के अनुसार आसाराम के शरीर में खून की कमी है.
Source : News Nation Bureau