राजस्थान में भीषण गर्मी का दौर जारी है और इसका सबसे ज्यादा असर पश्चिमी जिले बाड़मेर में देखने को मिल रहा है जहां पर पिछले 4 दिन से तापमान 49 डिग्री के पास पहुंच रहा है. चिकित्सा विभाग ने भीषण गर्मी को देखते हुए हीट स्ट्रोक और गर्मी से पीड़ित मरीज के लिए विशेष तैयारी करने के निर्देश दे रखे हैं और बाड़मेर चिकित्सा विभाग इसको लेकर व्यवस्था के बड़े-बड़े दावे कर रहा है. बाड़मेर राजकीय अस्पताल के पीएमओ के अनुसार हीट स्ट्रोक एवं भीषण गर्मी के तहत किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त वार्ड मेडिसिन सहित सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर दी गई है. लेकिन ग्राउंड जीरो पर हकीकत चौंकाने वाली है हीट स्ट्रोक से बीमार लोगों के इलाज के लिए बनाया गया वार्ड ही बीमार नजर आ रहा है.
मरीजों की मानें तो पिछले एक हफ्ते से हीट स्ट्रोक के लिए रिजर्व किए गए वार्ड में एसी काम नहीं कर रहे हैं जिसके चलते टीन शेड से बने वार्ड में शरीर को जलाने वाली गर्मी के चलते मरीज के हाल बेहाल है. ऐसे बाड़मेर राजकीय अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है क्यों की बिना एसी के इस वार्डो में हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीज को रखने की बात बाड़मेर का चिकित्सा महकमा कर रहा हैं, लेकिन जिस तरह के हालात इस वार्ड के अंदर बने हुए हैं ऐसे इतनी भीषण गर्मी में गर्मी के मरीज को रखना सीधे उसकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ होता हुआ नजर आ रहा है.
मरीज के परिजन खुद ला रहे पंखे कूलर
बाड़मेर राजकीय अस्पताल के बाकी वार्डों की बात करें तो वहां भी स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है 20 वार्ड बेड वार्ड में महज एक कूलर के लगाया गया है ऐसे में अस्पताल में भर्ती मरीज या तो अपने स्तर पर कूलर पंखे की व्यवस्था कर रहे हैं. मरीज सरकार की बिना किसी व्यवस्था के इस भीषण गर्मी में जलने को मजबूर है और कई वार्डो में एसी और कूलर लगाएं गए है लेकिन वोल्टेज की समस्या के चलते एसी चल नहीं रहे हैं और अस्पताल में पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के चलते कूलर भी गर्म हवा दे रहे हैं. इसी वजह से अब अपने परिजनों की जान बचाने के लिए मरीज के अटेंडेंट ही स्वयं के स्तर पर पंखे और कूलर की व्यवस्था कर रहे है.
बढ़ती गर्मी से राजस्थान में बिजली की किल्लत और कटौती भी लोगों को परेशान कर रही है. बढ़ती डिमांड से बिजली के ट्रांसफार्मर ओवरलोड होकर गरम हो रहे हैं. इससे बचने के लिए अब विद्युत विभाग ने झुंझुनूं के कई इलाकों में ट्रांसफार्मर को हीट से बचाने के लिए कूलर लगाए गए हैं, जिससे ट्रांसफार्मर गरम न हो सके. आपको बता दें कि राजस्थान में कई जिलों का तापमान 46 या उससे उपर है. इस स्थिति में अचानक से प्रदेश में विजली की डिमांड बढ़ी है. इसी वजह से बिजली का ओवरलोड ट्रांसफार्मर पर ज्यादा होने से ट्रांसफार्मर में आग लगने की घटनाएं ज्यादा होने की वजह से अब ट्रांसफार्मर में कूलर लगाए जा रहे हैं.
Source : News Nation Bureau