10 साल पहले जिस अगस्ता हेलिकॉप्टर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बाल बाल बचे थे, उस हेलिकॉप्टर को अब कोई खरीददार ही नहीं मिल रहा है. राजस्थान सरकार इस अगस्ता हेलिकॉप्टर को अब 12वीं बार बेचने का प्रयास कर रही है. पिछली बार इसकी रिजर्व प्राइस 4.5 करोड़ रखी थी, लेकिन इस कीमत पर यह नहीं बिका. अब इसकी कीमत और कम करने की तैयारी है. राजस्थान सरकार ने बीजेपी राज के वक्त 2005 में इसे 30 करोड़ में खरीदा था. दिसंबर 2011 से यह हेलिकॉप्टर स्टेट हैंगर में खड़ा है और धीरे-धीरे इसकी कीमत घटती ही जा रही है. पहले इस हेलिकॉप्टर के सरकार को 14 करोड़ मिल रहे थे, लेकिन सौदा अटक गया. पिछले 8 साल में इसे हेलिकॉप्टर को बेचने के लिए लगातार प्रयास हुए, लेकिन यह हैलिकॉप्टर नहीं बिका. अगस्ता कंपनी ने इस पुराने अगस्ता के बदले कुछ और पैसा लेकर नया हेलिकॉप्टर देने की भी पेशकश की थी. यह प्रस्ताव भी खारिज कर दिया गया.
हेलिकॉप्टर की जितनी कीमत बची उतना तो टेंडर निकालने में खर्च कर चुकी सरकार
स्टेट हैंगर में खड़ा अगस्ता हेलिकॉप्टर का मेंटेनेंस नहीं हुआ है. इसकी कीमत लगातार घट रही है. साथ ही नोन ऑपरेशनल होने के कारण इसकी कंडीशन भी अब खराब हो रही है. हेलिकॉप्टर की जितनी कीमत रह गई है, उतना तो राजस्थान सरकार टेंडर निकालने में खर्च कर चुकी है.
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रोटर ब्लेड टूटने से गहलोत बाल बाल बचे थे, 15 दिन जंगल में ही खड़ा रहा था हेलिकॉप्टर
20 नवंबर 2011 को गहलोत चूरू जिले के न्यांगल बड़ी गांव में महिला सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे थे. रास्ते में हेलिकॉप्टर की रोटर ब्लैड पंखुड़ी टूट गई, जिससे यह हवा में लहराने लगा था. पायलट ने हेलिकॉप्टर की चांदकोठी गांव के चारागाह में आपात लैंडिंग करवाई. इस दुर्घटना के बाद करीब 15 दिन तक यह हेलिकॉप्टर चांदकोठी में ही खड़ा रहा. इसकी मरम्मत के लिए इटली से पार्ट्स मंगवाए गए. बाद में इसे जयपुर लाया गया. तब से इस हेलिकॉप्टर में वीआईपी उड़ानें बंद कर दी गईं और इसे हैंगर में खड़ा कर दिया. पिछले साढ़े 9 साल से यह हैलिकॉप्टर हैंगर में ही खड़ा है. डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की जांच में यह सामने आया था कि रोटर ब्लेड टूटने का कारण मेंटीनेंस नहीं होना था और इसके लिए मेंटेनेंस का जिम्मा संभालने वाली कंपनी जिम्मेदार थी.
2005 में 30 करोड़ में खरीदा, कुछ समय बाद ही इंजन में खराबी
राजस्थान सरकार ने 2005 में अगस्ता हेलिकॉप्टर को 30 करोड़ में खरीदा था. खरीदने के दो साल के भीतर ही इसके इंजन में खराबी आ गई थी. वारंटी पीरियड में होने के कारण अगस्ता वेस्टलेंड कंपनी ने इंजन बदल दिए. इंजन में खराबी का कारण राजस्थान की गर्म जलवायु और धूलभरा वातावरण बताया था.
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राजस्थान सरकार के पास फिलहाल खुद का हेलिकॉप्टर नहीं, किराए से मंगवाए जाते हैं
राजस्थान सरकार के पास फिलहाल खुद का कोई हेलिकॉप्टर नहीं है. मुख्यमंत्री और राज्यपाल की यात्राओं के लिए किराए पर हेलिकॉप्टर मंगवाए जाते हैं. बीजेपी राज में भी इसी तरह किराए के हेलिकॉप्टर से ही काम चलाया था, अब भी उसी तर्ज पर हेलिकॉप्टर किराए पर लिए जा रहे हैं. राजस्थान सरकार के स्टेट प्लेन भी अब पुराने हो चुके हैं. बीजेपी सरकार के समय सरकार ने नया प्लने खरीदने के लिए टेंडर जारी किया था, लेकिन उस वक्त खरीद नहीं हो सकी थी. गहलोत सरकार ने 10 सीटर नया जेट प्लेन खरीदने के लिए नवंबर 2019 में ग्लोबल टेंडर निकाला था, लेकिन बीच में कोरोना आने से प्रक्रिया अटक गई.
HIGHLIGHTS
- 30 करोड़ में खरीदे हेलिकॉप्टर को 4.5 करोड़ में नहीं मिला खरीदार
- हेलिकॉप्टर बेचने के लिए सरकारी की 12वीं बार टेंडर की तैयारी
- राजस्थान सरकार ने 2005 में खरीदा था अगस्ता हेलिकॉप्टर