नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन सजा काट रहे आसाराम के सहयोगी शरदचन्द्र को राजस्थान हाईकोर्ट से शुक्रवार को बड़ी राहत दी. हाईकोर्ट ने इस मामले में शरदचन्द्र की 20 साल की सजा पर रोक लगा दी है. बता दें कि इस मामले में एक अन्य आरोपी शिल्पी की 20 साल की सजा पर हाईकोर्ट पहले ही स्थगन आदेश दे चुका है.
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इस मामले में दो आरोपियों की सजा स्थगित होने से आसाराम की भी उम्मीदें बढ़ गई है. लेकिन कानूनविद् मानते है कि आसाराम की राह इतनी आसान नहीं होगी. शरद और शिल्पी से उसका मामला अलग है. आसाराम ने जेल से अपने समर्थकों को भेजे एक संदेश में कहा था कि पहले दोनों को रिहा कराएंगे उसके बाद खुद की रिहाई की कोशिश करेंगे.
शिल्पी और शरद की सजा पर रोक का सबसे बड़ा आधार केस की ट्रायल के दौरान उनका जेल से बाहर रहना बना. जबकि आसाराम ट्रायल के दौरान से जेल में ही रहे.
Source : News Nation Bureau