बूंदी में लगातार दो दिन से बारिश का कहर जारी है. जिसके चलते कई नदी नालों के उफान पर आने के चलते मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं. वहीं बूंदी के लाखेरी कस्बे में लगातार बारिश के चलते एक विशाल पीपल का पेड़ धड़ाम से नीचे गिर गया. पेड के नीचे से गुजर रहे बाइक सवार और ऑटों में सवार लोग इसके नीचे दब गए. स्थानीय लोगों ने वहां पहुंचकर उन्हें बाहर निकाला. इस पेड़ के गिरने से करीब 2 से 4 लोग घायल हो गए. दो गंभीर लोगों को कोटा के लिए रेफर किया गया है. पेड़ गिरने के बाद में आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया. ऑटो सहित बाइक चकनाचूर हो गई.
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बूंदी जिले के सिलोर गांव के पास से निकल रही करजुना नदी भी बारिश के कहर के चलते उफान पर हैं. करीब 2 से 3 फीट की पुलिया पर चादर चल रही है. दोनों तरफ पुलिस के जवान भी तैनात हैं, लेकिन कोई रोकने वाला ना कोई टोकने वाला. जान जोखिम में डालकर वाहन चालक पुलिया से बाइक कार ट्रैक्टर निकालने के प्रयास करते नजर आ रहे हैं. इस दौरान एक बाइक सवार की बीच पुलिया में ही बाइक बंद हो गई. बाइक पर सवार दो युवकों ने धक्का लगाया और युवक उस बाइक को पैदल-पैदल पानी से बाहर लेकर आया है.
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वहीं दूसरी तस्वीर उसी करजूना नदी की पुलिया पर आ रहे बहाव से निकलकर आई. जहां पर एक ट्रैक्टर गहरे पानी से निकल कर बाहर निकलता है. वहीं दूसरी ओर एक ट्रक के टायर इस नदी की पुलिया में आए पानी में पूर्ण रूप से डूब जाते हैं. लेकिन ट्रक चालक भी पानी कम होने का इंतजार नहीं करते हुए तेज बहाव में ट्रक निकाल कर ले जाता है. वहां पर मौजूद पुलिसकर्मी किसी वाहन चालक को रोकने का
प्रयास तक नहीं करते. अपने आप में दुर्घटनाओं का इंतजार शायद बूंदी पुलिस कर रही हो.
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बूंदी के तलवार को अपने आप में कश्मीर के नाम से जाना जाता है और यहां पर हर महादेव का झड़ना जो कि 6 माह से बंद पड़ा था लगातार बारिश के देख के चलते वह शुरू हो गया. लोगों का वहां आना जाना शुरू भी हो गया है. प्राकृतिक पर्यटन स्थलों पर लोग झरने का आनंद लेते नजर आ रहे हैं. वहीं एक और तस्वीर बसौली गांव से निकल कर आ रही है जहां पर गड्ढा बांध में जाने वाली नदी की पुलिया उफान पर है. दोनों ओर से आवागमन बाधित हो गया है. ग्रामीण कस्बे के लोग कैसे इस पुलिया को पार करें यह समझ में नहीं आया तो दूर से निकल रहे.
148 डी हाइवे बाईपास पर ग्रामीण पहुंच रहे हैं. अब लम्बा चक्कर लगाकर गंतव्य स्थान पर जा रहे हैं. बूंदी जिले में लगातार बारिश के दौर के चलते करीब आधा दर्जन नदी नाले उफान पर है. जिसके चलते जनजीवन प्रभावित भी हुआ है. कई गांवों कस्बों का जिला मुख्यालय से सीधा संपर्क भी कट गया है. बूंदी जिले में 8 जुलाई के बाद में बारिश नहीं होने से किसान चिंतित था. खेतों में लगी हुई फसल अंकुरित हो चुकी थी. अंकुरित फसल को पानी की आवश्यकता थी. पानी नहीं मिलने के चलते अब फसलें पीली पड़ने लगी थी.
कल से हुई बारिश के बाद में किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौटी है. वहीं दूसरी ओर अगर बात करें तो बूंदी के किसान धान की फसल भी करते हैं. जिन्हें पानी की सख्त आवश्यकता होती है. धान की फसल में पानी की आवश्यकता होने के चलते धान की फसल को पानी नहीं मिल रहा था. धान के खेत में दरारें आने लगी थीं, लेकिन इंद्रदेव मेहरबान हुए. खेत लबालब हो गए अब धान की फसल में पानी भर चुका है. खेत लबालब हो चुके हैं, पानी आने के बाद में धान उड़द सोयाबीन की फसल अच्छी होने की उम्मीद है.
HIGHLIGHTS
- राजस्थान में भारी बारिश
- जन-जीवन अस्त-व्य्सत
- किसानों में खुशी