Independence Day 2024 Special: देशभर में 78वें स्वतंत्रता दिवस का उत्साह और जोश चरम पर है. हर कोई देशभक्ति के रंग में रंगा नजर आ रहा है, लेकिन क्या देवों के देव महादेव भी इस उल्लास से अछूते रह सकते हैं? दरअसल राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मांडल में स्थित ऐतिहासिक 32 खंभों की छतरी में शिवलिंग का तिरंगे के रंगों से अलंकृत शृंगार किया गया. इसे देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी और हर कोई इस अनोखे शृंगार का गवाह बनने पहुंचा. बता दें कि तिरंगे के रंग में रंगा महादेव का शिवलिंग लोगों का खूब ध्यान आकर्षित कर रहा है.
सावन महोत्सव में तिरंगे का अनोखा रंग
आपको बता दें कि भीलवाड़ा के मांडल में हर साल सावन महोत्सव का आयोजन होता है, जो हरियाली अमावस्या से लेकर रक्षा बंधन तक चलता है. इस दौरान शिवलिंग का विशेष शृंगार किया जाता है। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भगवान शिव का तिरंगे के रंग में विशेष शृंगार किया गया, जो भक्तों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बना. सफेद, हरा और केसरिया रंग में सजे भगवान शिव के इस रूप को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
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32 खंभों की छतरी का ऐतिहासिक महत्व
यह ऐतिहासिक 32 खंभों की छतरी लगभग 700 साल पुरानी मानी जाती है. इसका निर्माण अकबर की सेना के नायक जगनाथ कछावा की स्मृति में किया गया था. कछावा शिव भक्त थे और युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए थे. उनके सम्मान में बनी इस छतरी में सफेद संगमरमर से निर्मित 32 खंभे हैं, जो इसे ऐतिहासिक धरोहर बनाते हैं. छतरी के मध्य में लगभग पांच फीट ऊंचाई का शिवलिंग स्थापित है, जो श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का केंद्र बना हुआ है.
सावन मेले की रौनक और महाआरती का आयोजन
वहीं सिद्धेश्वर महादेव सेवा समिति के सचिव नंदलाल गारी के अनुसार, सावन के महीने में हरियाली अमावस्या से लेकर रक्षा बंधन तक यहां विशाल मेले और महाआरती का आयोजन किया जाता है. पूरे क्षेत्र को रंगीन लाइटों और सजावट से सजाया जाता है, जिससे इस ऐतिहासिक स्थल की सुंदरता में और भी चार चांद लग जाते हैं. महाकाल की तर्ज पर यहां हर दिन शिवलिंग का अलग-अलग रूपों में शृंगार किया जाता है, जिससे भक्तों की आस्था और बढ़ जाती है.
भक्तों की उमड़ी भीड़ और शिवलिंग का दिव्य स्वरूप
इसके अलावा आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे के रंग में सजे शिवलिंग को देखने के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचे. इस अनोखे शृंगार को देख लोग मंत्रमुग्ध हो गए. शिवलिंग का यह तिरंगे में सजा स्वरूप न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना बल्कि देशभक्ति की भावना को भी उजागर करता है. ऐसे आयोजन समाज में एकता, आस्था और देशप्रेम का संदेश फैलाते हैं.