गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए जबकि कई घायल हो गए थे. घायल हुए जवानों में से एक सुरेंद्र सिंह के पिता समेत पूरे परिवार के गायब होने का मामला सामने आया है. दरअसल सुरेंद्र सिंह के पिता ने ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी को नसीहत दी थी कि इस पूरे मसले पर वह राजनीति न करें. ऐसे में अब उनके पूरे परिवार के अचानक गायब होने से मामला और गरमा गया है.
अलवर में रामगढ़ के पूर्व विधायक और बीजेपी उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा ने इस मामले पर राजस्थान की कांग्रेस सरकार को घेरा है और आरोप लगाया है कि सरकार लगाता बलवंत सिंह पर बयान वापस लेने का दवाब बना रही थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्थान सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके खिलाफ विरोध किया जाएगा.
बता दें, सुरेंद्र सिंह के पिता बलवंत सिंह ने राहुल गांधी को सलाह दी थी वह भारत- चीन के बीच हुई हिंसक झड़प का राजनीतिकरण न करें. इस पर गृमंत्री अमित शाह ने भी राहुल गांधी को घेरा था.
बता दें, इससे पहले सुरेंद्र सिंह ने बताया था हिंसकत झड़प के दौरान क्या हुआ था. उन्होंने उस रात की पूरी कहानी बयां की थी, सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि वह लेह के अस्पताल में भर्ती है. हमारी फौज ने दुशमनों को भारी नुकसान पहुंचाया है. सोमवार देर रात गलवान घाटी में खून जमाने वाली सर्दी थी. दुश्मन हमला करेगा हमें अंदाज़ नही था, चीन की कायराना हरकत अंधेरे में हुई. जवाबी कार्यवाही में हम 5 फीट गहरी बर्फीली नदी में थे, घाटी में तब हम 300 जवान थे. घात लगा कर आए दुश्मन के तब 1000 से अधिक जवान थे. लगातार 5 घंटे हमारा संघर्ष जारी रहा. आखिर हमारे जवानों ने उन्हें खदेड़ दिया, मेरे साथ अन्य साथी भी घायल हुए.
उन्होने आगे कहा कि दुश्मनों ने हम पर लोहे के कांटे लगे डंडों से ताबड़तोड़ हमला किया. हाथ फ्रैक्चर हो गया लेकिन में लड़ता गया. मेरे पास कृपाण थी उससे खुद को बचाया और चीन के 2 सैनिकों को घायल कर दिया. उन्होंने सिर पर वार किया लेकिन पगडी ने रक्षा की. चीनी सैनिक जब पीछे जा रहे थे मैं बेहोश हो गया. इसके बाद मुझे 15 घंटे बाद सैनिक अस्पताल में होश आया. 12 टांके आए हैं लेकिन चिंता की बात नहीं है. वहीं दुश्मनो का नुकसान ज़्यादा हुआ है.
फौजी सुरेंद्र सिंह ने फोन पर बताया कि चीन के सैनिकों ने गिरवान घाटी से निकल रही नदी के किनारे और अचानक धोखे से हमला किया और करीब 4 से 5 घंटे तक यह नदी में ही खूनी संघर्ष चलता रहा. भारत के करीब 2 से ढाई सौ को जवान थे जबकि चाइना के 1000 से अधिक जवान थे.
उन्होंने बताया कि गिरवान घाटी की नदी करीब 5 फुट गहरे हाड कपकपाते ठंडे पानी में यह संघर्ष चलता रहा .जहां यह संघर्ष हुआ उस नदी के किनारे मात्र एक आदमी को ही निकलने की जगह थी इसलिए भारतीय सैनिकों को संभालने में भारी परेशानी हुई नहीं तो भारतीय सैनिक किसी से कम नहीं थे और चाइना के सैनिकों को अच्छा सबक सिखा सकते थे लेकिन उन्होंने षडयंत्र पूर्वक और धोखे से हमला किया.
Source : News Nation Bureau