जेल में बंद महिला कैदी! इन शब्दों के अचानक उच्चारण से अक्सर बॉलीवुड की एक फिल्म का एक दृश्य सामने आता है जिसमें एक सफेद साड़ी पहने एक महिला होती है! राजस्थान जेल के डीजी राजीव दासोत ने कहा कि राजस्थान जेल में बंद इन महिला कैदियों की वर्दी का रंग बदलकर इस दिशा में एक नई शुरूआत कर रहा है, जो सफेद के बजाय नीले रंग की साड़ी पहनेंगे. उन्होंने कहा कि इस फैसले को 30 जून से लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा, राजस्थान की जेलों में बंद सभी महिला कैदी आसमानी रंग की साड़ी पहनेंगी. अब महिला कैदियों के लिए सफेद रंग की साड़ी नहीं होगी. सफेद रंग की साड़ी महिला कैदियों में अवसाद लाती है और इसलिए यह फैसला लिया गया है.
उन्होंने कहा कि जेल में आने के बाद महिला कैदी पहले से ही दुखी रहती हैं, अपने परिवार और बच्चों को याद करती हैं और सफेद रंग उनके दुखों को और बढ़ा देता है और इसलिए इस बदलाव का फैसला लिया गया है. इस निर्णय के अलावा जेल प्रशासन द्वारा कई अन्य सुधार के उपाय किए जा रहे हैं. इनमें से पहला राज्य में छह पेट्रोल पंपों का उद्घाटन है, जिनका संचालन जेल के कैदी करेंगे. दासोत ने कहा कि जेल के बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है.
अगली कड़ी में कैदियों के लिए उनके अक्षर के आधार पर बैरक का आवंटन है. इससे पहले जेल प्रशासन की इच्छा पर कैदियों को बैरक दिया जाता था. हालांकि, अब से कैदियों को वर्णानुक्रम के आधार पर बैरक आवंटित किए जाएंगे.
गौरतलब है कि जोधपुर की सेंट्रल जेल में बैरक संख्या तीन से अज्ञात अवस्था में दो पैकेट बरामद किए गए थे.दोनों बैठकों में नामी कंपनियों के दो-दो मोबाइल मिले थे. वहीं, पहली बार जेल में मिले पैकेट्स से कंडोम भी मिले हैं. हाल ही में जेल में मिले मोबाइल को लेकर पुलिस पड़ताल कर ही रही थी, वहीं इस बार मोबाइल के साथ कंडोम मिलना भी कई तरह के सवाल भी खड़े कर रहा है. जेल प्रशासन की ओर से जोधपुर के रातानाडा थाना में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. इसके बाद जेल में चौकसी बढ़ा दी गई थी.
HIGHLIGHTS
- जेलों में सफेद की जगह नीली साड़ी पहनेंगी महिला कैदी
- कैदियों को नाम के अक्षर के आधार पर मिलेंगी बैरक
- इसके बाद जेल में चौकसी बढ़ा दी गई थी