जयपुर पुलिस इस वक्त चर्चा का विषय बनी हुई है. उसके कारनामों की चर्चा हर तरफ हो रही है. दरअसल, एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें फिल्मी स्टाइल में पुलिस की टीम किडनैपर्स के चंगुल से एक युवक को बचाती दिख रही है.
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में जयपुर पुलिस की टीम एक फ्लैट में घुसती है, अंदर कमरे में एक युवक बेड पर सोया रहता है, पुलिस उस लड़के को जगा कर कहती है, 'अनुज, खड़े हो जाओ बेटा, ये जयपुर पुलिस है, खुश रहो, हम तुम्हारे लिए ही आए हैं.' युवक की पहचान अनुज के रूप में हुई है.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर है मुख्य आरोपी
पुलिस ने अपहरण की वारदात में शामिल एक महिला सहित 4 युवकों को गिरफ्तार किया है. इस दौरान पूछताछ में सामने आया कि मुख्य आरोपी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. वह पकड़ी गई महिला के साथ ही कथित तौर पर लिव-इन रिलेशनशिप में रहता था. पुलिस का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि पूरा गैंग एक रात में पकड़ा जाएगा. लेकिन प्लानिंग इतनी अच्छी थी कि ऐसा हो सका.’ हैरानी की बात यह है कि इस किडनैपिंग केस का मुख्य आरोपी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है.
क्या है किडनेपिंग के पीछे की कहानी
पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि यह एक रैंडम किडनैपिंग थी. आरोपी नाहरगढ़ यह सोच कर गए थे कि जो सबसे अमीर दिखेगा उसे किडनैप कर लिया जाएगा. जिससे कि ज्यादा फिरौती मिल सके. इधर, अनुज कथित तौर पर 18 अगस्त को जयपुर के नाहरगढ़ की पहाड़ियों पर घूमने के लिए दोस्तों के साथ निकला था. तभी उसे अगवा कर हाथ-पैर बांधे और उसे गाड़ी में रख दिया. जब अनुज समय पर घर नहीं पहुंचा तब परेशान माता-पिता पुलिस के पास शिकायत करने पहुंचे.
पुलिस ने नंबर ट्रेस करना शुरू किया
अनुज को अगवा कर बदमाश हिमाचल प्रदेश ले गए. वहां उन्होंने उसे एक फ्लैट में रखा. इसके बाद उन्होंने उसके घर पर फोन किया और 20 लाख रुपए की डिमांड रख दी. परिजनों ने पैसों का इंतजाम करने के लिए कुछ वक्त की मांग की. अनुज के परिजनों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी. इसके पुलिस अपने काम पर लग गई और वह नंबर ट्रेस करना शुरू कर दिया.
ऐसे पकड़े गए अपहरणकर्ता
जयपुर पुलिस ने एक मजबूत प्लान बनाया और हर चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात कर दिया. आरोपियों ने दोबारा फोन कर धर्मपुर रेलवे स्टेशन के पास पैसों का बैग फेंकने को कहा. वहां पहले से ही पुलिस की टीम तैनात थी. अनुज के परिजनों ने जैसे ही बैग फेंका वैसे ही एक अपहरणकर्ता उसे उठाने को दौड़ा. लेकिन पुलिस की टीम ने उसे ही उठा लिया और फिर आरोपियों ने बताया कि आगे एक किराए का मकान है, वहीं अनुज है. वहां हम उन्हें लेकर गए, पीड़ित वहां सुरक्षित मिल गया. वहां निगरानी करने वाले दो और आरोपियों को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया.