Jaipur Serial Blast 2008 : साल 2019 में निचली अदालत ने 4 आरोपितों को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन अब राजस्थान हाई कोर्ट ने साल 2008 में हुए जयपुर सीरियल ब्लास्ट केस में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. हाई कोर्ट ने 28 अपीलों पर सुनवाई करते हुए सभी लोगों को बरी किया है. इसके अलावा इस मामले में एक नाबालिग को भी आरोपित बनाया गया था, उसके मामले को बाल न्यायालय भेज दिया गया है. इन सभी लोगों पर आरोप था कि उन्होंने भारत देश के खिलाफ साजिश रची और राजस्थान की राजधानी जयपुर को सीरियल ब्लास्ट कर दहला दिया.
धमाकों में 63 की गई थी जान, 216 से ज्यादा हुए थे घायल
साल 2008 में 13 मई का दिन था. शाम के समय हर 15 मिनट पर जयपुर में बम फटने लगे. एक के बाद एक 9 धमाके जयपुर में हुए. पूरा जयपुर कराह रहा था. इस आतंकी हमले में 63 लोग मारे गए थे. 2016 से अधिक लोग आधिकारिक तौर पर घायल हो गए थे. ये पहला मौका था, जब आतंकवादियों ने राजस्थान की राजधानी जयपुर को अपना निशाना बनाया था. ये सभी बम जयपुर के महत्वपूर्ण इलाकों में रखे हुए थे. एक बम तो ऐतिहासिक हवा महल के पास ही फटा था.
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तो किसने किया था जयपुर पर हमला?
एनआईए ने 11 लोगों को मुख्य आरोपित बनाया था. जिसमें से कुछ को पहले ही क्लीन चिट मिल गई थी. एक आंकड़े के मुताबिक, इन धमाकों में 71 लोगों की जान गई थी. लेकिन शुरुआती आधिकारिक रिपोर्ट 63 की थी. कुछ मौतें बाद में हुई. अब जबकि हाई कोर्ट ने सभी आरोपितों को बरी कर दिया है तो सबसे बड़ा सवाल यही है कि इन 15 सालों में पुलिस, एनआईए, एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड व अन्य एजेंसियों ने किस तरह की जांच की कि हाई कोर्ट ने उनकी दलीलों को अपर्याप्त मान लिया है. और अगर ये लोग हाई कोर्ट की तरफ से बरी कर दिये गए हैं, तो इन धमाकों को किसने अंजाम दिया, क्या इस सवाल का जवाब कभी मिल पाएगा?
HIGHLIGHTS
- साल 2008 में हुआ था सीरियल ब्लास्ट
- हाई कोर्ट ने सभी आरोपितों को कर दिया बरी
- साल 2019 में सुनाई गई थी 4 लोगों को फांसी की सजा