राजस्थान के जयपुर से एक शर्मनाक मामला सामना आया है जिसमें एक महिला अपने साथ हुए रेप का मामला थाने में दर्ज कराने गई तो उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया जिसके बाद उसने आत्मदाह कर खुदकुशी कर ली. जयपुर के वैशाली नगर थाने में इस मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जयपुर का झोटवाड़ा और खातीपुरा इलाके में व्यापारियों ने बंद रखा. वहीं बीजेपी ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में इस मुद्दे पर हंगामा किया.
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बीजेपी ने सवाल उठाया कि अगर पीड़िता गलत थी तो अब तक इस मामले में अंतिम रिपोर्ट क्यों नहीं दी. क्यों पीड़िता को बार-बार थाने में प्रताड़ित किया जा रहा था. बीजेपी ने सरकार पर दुषकर्मियों को संरक्षण देने का आरोप जड़ा. बीजेपी विधायक अशोक लाहोटी ने कहा, 'कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद पोपाबाई का राज है. अगर महिला गलत थी तो एफआईर लगाती.ये देश में सबसे शर्मनाक घटना है.ये राजस्थान को लज्जित करने वाली घटना है.लगातार पुलिस को कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए. क्या सरकार अपराधियोंको संरक्षण दे रही है?
क्या है कांग्रेस का कहना?
वहीं दूसरी तरफ राजस्थान सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि वैशाली नगर थाने में पीड़िता के साथ थानाधिकारी ने अच्छा सलूक नहीं किया और इसी वजह से थानाधिकारी संजय गोदारा को सस्पेंड कर दिया. लेकिन सरकार ने पीड़िता के साथ बलात्कार के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया. पुलिस के बयान पर मुहर लगाते हुए संसदीय कार्यमंत्री शांति
धारीवाल ने पीड़िता पर ही सवाल खड़े किए कि यदि आरोपी के साथ सहमति के संबध नहीं थे और बलात्कार किया था 2015 से 05 जून 2019 तक चार साल वे चुप क्यो रही. धारीवाल ने दावा किया कि पुलिस जांच और मेडिकल जांच में पाया गया कि बलात्कार नहीं हुआ था.
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संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा, रविंद्र शेखावत के साथ अगर सहमति के संबध नहीं थे, तो चार साल क्यों नहीं बोली. वे उसके साथ दिल्ली व नैनीताल गई थी. जांच में मोटे तौर पर ये साबित हुआ. आरोपी ने रिकॉर्डिंग भी बताई कि सहमति थी. उस रविंद्र के पास चार साल उसका एटीएम कैसे रहा. थाने की गलती ये कि वे बार-बार थाने पर आई और उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया.वैशाली नगर थाने के सीआई को सस्पेडं किया जाएगा. सवाल ये कि एसएचो को लैप्स पाया गया कि उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया.सवाल ये कि बलात्कार का मामला है या आपसी सहमति का. मेडिकल में कोई इंजरी नहीं. जांच सीआईडी सीबी के एसीपी को सौंप दी गई है. महिला के पति और उसके बीच तलाक का केस चल रहा है.
कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने बताया कि पीड़िता के पति ने न्याय नहीं मिलने पर बेटे के साथ आत्मदाह की चेतावनी दी है. उधर राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम ने भी जांच शुरु कर दी है. पीड़िता के पति के बयान दर्ज किए. पुलिस के भी बयान दर्ज किए. पीड़िता ने रविवार को वैशाली नगर थाने में तेल छिड़क कर आत्मदाह किया था. सोमवार को मौत हो गई थी. पीड़िता ने मौत से पहले दिए बयान में कहा था कि थानाधिकारी सबूत के बावजूद आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर रहा था और उसके साथ दुर्व्यवहार कर रहा था.