राजस्थान के झुंझुनूं में आठ साल पुराने हत्याकांड मामले में एडीजी कोर्ट ने फैसला सुनाया है. इसमें कुल चार लोग दोषी साबित हुए हैं. मामला डाकघर बचत अभिकर्ता की हत्या का है, जिसमें अदालत ने बहू सोनू कुमारी, उसके प्रेमी सुनील कुमार अन्य दो आरोपी दीपेंद्र कुमार और प्रदीप कुमार को ससुर की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा सभी दोषियों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
इस वारदात को 15 जुलाई 2016 को अंजाम दिया गया था. कुल्हरियों की ढाणी निवासी सुभाषचंद्र, जो डाकघर में अल्प बचत अभिकर्ता थे, उनकी गला घोंटकर जान ले ली थी. सुभाष हर दिन बिसाऊ में काम के बाद रात को घर लौटते थे. 14 जुलाई को रात के समय बस से उतरते ही सुभाष को कुछ लोगों ने जबरदस्ती गाड़ी में डाल लिया और उनकी गला घोंटकर हत्या कर दी. सुभाष के परिवार ने इस घटना की रिपोर्ट बिसाऊ थाने में दर्ज कराई थी.
8 साल पहले दिया था वारदात को अंजाम
पुलिस जांच में सामने आया कि पूरा मामला लव एंगल से जुड़ा है. यहां सुभाष की बहू सोनू कुमारी ने अपने ससुर को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. महिला ने अपने प्रेमी सुनील कुमार और अन्य साथियों दीपेंद्र उर्फ मिकू और प्रदीप के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची. पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाए और कोर्ट के समक्ष पेश कर दिये. अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 40 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए और 191 दस्तावेज पेश किए गए.
बहू और प्रेमी को आजीवन कारावास
झुंझुनूं की जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने मामले की सुनवाई के बाद बहू सोनू, उसके प्रेमी सुनील, दीपेंद्र और प्रदीप को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस मामले में सरकारी वकील भारत भूषण शर्मा और पीड़ित पक्ष के वकील सुभाष पूनिया की मुख्य भूमिका रही.