Advertisment

राजस्थान के केकड़ी में वर्षों पुरानी परंपरा के तहत एक दूसरे पर फेंके जलते हुए पटाखे, कई जगह लगी आग

मुख्य बाजारों व इससे जुड़ी गलियों, मोहल्लों में एक दूसरे पर पटाखे जला कर फेंके. बाईपास पर पांच ट्रॉली चारा जल गया.

author-image
Mohit Saxena
New Update
rajasthan crackers

Kekri Rajasthan

Advertisment

गोवर्धन पर्व पर हर साल की तरह इस बार भी केकड़ी शहर पटाखों की चपेट मे हैं. मुख्य बाजारों व इससे जुड़ी गलियों, मोहल्लों में एक दूसरे पर पटाखे जला जला कर फेंके जा रहे हैं. पटाखेबाजी का आलम यह है कि किसी युद्ध की तरह मोर्चाबंदी कर एक फव्वारे दार पटाखे को शस्त्र की तरह इस्तेमाल कर युवाओं की टोलियों ने शहर को अंगारों व धुंए के गुबार में गुम कर दिया. कई जगह आग लगने की भी सूचनाएं है. बाईपास पर पांच ट्रॉली चारा जल गया, वहीं बाजार में एक स्कूटी में भी आग लग गई. कई लोगों के कपड़े जलने की सूचनाएं हैं, मगर गनीमत है कि किसी के झुलसने की खबर नहीं है.

एक कार का ऑयल टैंक फूट गया

शहर के कृषि उपज मंडी क्षेत्र में हरि ऑयल मिल के पास छोटा घास भैरू निकालने के दौरान एक कार का ऑयल टैंक फूट गया और उसमें ऑयल लीक हो गया. इसी दौरान एक दूसरे के ऊपर फेंके जा रहे गंगा-जमुना नामक पटाखे से ऑयल ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते कार धूं धूं कर जलने लगी. गनीमत रही कि कार सवार युवक समय रहते कार से उतर गए. आग लगने से कार पूरी जल गई. शहर में पटाखे जलाकर फेंकने का सिलसिला इस बार सुबह 9 बजे से ही शुरू हो गया.

ये भी पढ़ें: Bihar: CM नीतीश कुमार ने क्यों छू लिए BJP नेता के पैर? इस काम की तारीफ को लेकर हुए गदगद

फिर वह तेज धमाके से फट जाता है

शहर के गणेश प्याऊ, वीर चौराहा, कपड़ा बाजार, लोढ़ा चौक, राजपुरा रोड़, गुर्जरवाड़ा, कल्याण कॉलोनी आदि ऐसे कई इलाके हैं, जहां दिन भर से यह पटाखेबाजी चलती है. गौरतलब है कि इस पटाखेबाजी में गंगा-जमना व सीता-गीता नामक पटाखों का प्रयोग किया जाता है, जिसमें पहले अनार की तरह फव्वारा निकलता है और फिर वह तेज धमाके से फटता है. 

पूरे रास्ते सबसे अधिक पटाखे फेंके जाते हैं

बताया गया कि सदर बाजार में गणेश प्याऊ के यहां स्थापित घास भैरू की सवारी रात्रि साढ़े आठ बजे शुरू होगी. यह सवारी खिड़की गेट, लोढ़ा चौक, चारभुजा मंदिर, सूरजपोल गेट, भैरू गेट, सरसडी गेट, अजमेरी गेट व घंटाघर होते हुए नगर परिक्रमा पूरी कर वापस गणेश प्याऊ पर सम्पन्न हुई. इस दौरान सवारी के पूरे रास्ते सबसे अधिक पटाखे फेंके जाते हैं. मान्यता है कि घास भैरू में 38 करोड़ देवी देवता का वास होता है. लोगों का विश्वास है कि घास भैरू की नगर परिक्रमा से नगर में वर्ष पर्यंत धन धान्य की कमीं नहीं रहती. पहले नगर परिक्रमा के दौरान घास भैरू को बैलों द्वारा खींचा जाता था, मगर फिर धीरे धीरे बैलों की जगह ट्रैक्टरों ने ले ली. अब घास भैरू को ट्रैक्टरों की बजाय लोग खुद खींचने लगे हैं. इसके लिए भारी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ता है, जो पटाखेबाजी की परवाह किए बगैर घास भैरू को रस्सों से खींचकर नगर परिक्रमा कराता है.

newsnation rajasthan Fire Crackers Newsnationlatestnews
Advertisment
Advertisment
Advertisment