राजस्थान (Rajasthan) में सियासी संकट के बीच हाईकोर्ट (High Court) के फैसले के बाद राज्य के सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) अपने विधायकों को लेकर राजभवन पहुंचे और विधानसभा सत्र बुलाने की अपील की. लेकिन राज्यपाल कालराज मिश्र ने इंकार कर दिया. उन्होंने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए विधानसभा सत्र बुलाने से मना कर दिया. जिसके बाद कांग्रेस विध्याक और अशोक गहलोत राजभवन के दालान में धरने पर बैठ गए.
ये विधायक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का सामूहिक आग्रह करने के लिए राजभवन गए थे. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा,' हमने राज्यपाल से नियमों के तहत विधानसभा का सत्र बुलाने का आग्रह किया. राज्यपाल केंद्र के निर्देशों पर काम कर रहे हैं. जब तक सत्र की तारीख नहीं दी जाती है हम यहां पर बैठे हैं.'
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इससे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) से मुलाकात की. इसके बाद राज्यपाल विधायकों से मिलने भी आए.
इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी केंद्र सरकार पर वार करते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में लोकतंत्र की परिभाषा बदल गई है. आज लोकतंत्र की परिभाषा में राज्यपाल सरकारों की सलाह नहीं लेंगे, कहीं और से सलाह लेंगे.
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उन्होंने आगे कहा, 'इस देश में चुनी गई सरकार को भी गिराने में राज्यपाल मदद भी करेंगे. जिस दल की बहुमत है उसके विधायकों को चार्टर्ड प्लेटों से बाहर ले जाएंगे और होटल में ठहराएंगे. इसके बाद पैसे का लोभ देकर बहुमत वाली सरकार को अपल्पमत बना दिया जाता है. नई परिभाषा में चुनी हुई सरकार को गिराना.'
Source : News Nation Bureau