राजस्थान में कांग्रेस के लिए लगता है अभी संकट के बादल खत्म होता नहीं नजर आ रहा है. हर दिन एक नया ट्विस्ट देखने को मिल रहा है. इसी बीच गहलोत खेमे की सवाईमाधोपुर जिले की विधायक इंदिरा मीणा ने बड़ा खुलासा किया है, उन्होंने कहा कि जब हम मंत्री धारीवाल के घर जमा हुए थे, उस दौरान मुझसे कोरे कागज पर साइन करा लिया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि वह कागज क्या है और क्यों करवाया गया, इसकी जानकारी नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनते हैं तो राज्य के लिए अच्छा होगा.
25 सितम्बर को कांग्रेस के गहलोत खेमे के 82 विधायक मंत्री शांति धारीवाल के घर विधायक दल की बैठक से पहले बैठक की थी और इसमें विधायक इंदिरा मीणा सहित 82 विधायक शामिल थे. इस खेमे ने पर्यवेक्षकों के समक्ष कुछ शर्तें रखी है
1. नए मुख्यमंत्री का चुनाव 19 अक्टूबर के बाद योनी अध्यक्ष पद का चुनाव होने के बाद किया जाए.
2. दूसरी मांग ये है कि सरकार के साथ खड़े रहने वाले 102 विधायकों में से ही मुख्यमंत्री चुना जाए.
3. उनकी यह भी मांग यह है कि नए सीएम के लिए अशोक गहलोत की पसंद भी पूछी जाए.
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दरअसल, अशोक गहलोत को इस बात को लेकर शंका है कि अगर वो कांग्रेस के अध्यक्ष न बने तो राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे या अगला मुख्यमंत्री उनके खेमे का हो, जिससे सत्ता में वो बने रहे. 19 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होना है और अशोक गहलोत का मुकाबला शशि थरूर के साथ होगा. मंत्री शांति धारीवाल के घर बैठक होने से चुनाव पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन नाराज हैं. अजय माकन ने कहा कि यह पार्टी अनुशासनहीनता है और सब विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी की जाएगी. उन्होने कहा कि राजस्थान की वर्तमान स्थिति से सोनिया गांधी को अवगत कराया जाएगा.
Source : News Nation Bureau