राजस्थान में एक ओर लम्पी वायरस का कहर तेजी से बढ़ रहा है. तो दूसरी ओर राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी भी चरम पर पहुंच चुकी है. मौका था लम्पी वायरस को लेकर सीएम की समीक्षा बैठक की, जहां कांग्रेस की कलह सतह पर आ गई. इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दो सिपहसालार खुलकर आमने-सामने गए. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरी तरह से खामोश रहे. दरअसल, लंपी वायरस को लेकर हुई समीक्षा बैठक में रघु शर्मा और कृषि मंत्री ही आपस में भिड़ गए.
आपस में भिजे कृषि मंत्री और पूर्व मंत्री
जानकारी के मुताबिक, गुजरात प्रभारी और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के फैसलों पर ही सवाल खड़े कर दिए. रघु शर्मा की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि उनके विधानसभा क्षेत्र केकड़ी से लंपी वायरस की वजह से गाएं मर रही हैं. लेकिन वहां से वेटनरी स्टाफ को जोधपुर में डेपुटेशन पर भेज दिया गया है. रघु शर्मा यहीं नहीं रुके, उन्होंने दो टूक कह दिया कि सरकार और मुख्यमंत्री दोनों के लिए जनता में बहुत खराब मैसेज गया है. इस दौरान मुख्यमंत्री चुप्पी साधे बैठे रहे. क्योंकि बात उनके गृह जिले जोधपुर में अधिकारियों और वेटेनरी स्टाफ को भेजने की थी.
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काफी देर तक पसरा रहा सन्नाटा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में रविवार को प्रदेश के सभी नेता और पंचायती राज प्रतिनिधि जुड़े थे. लेकिन इन आरोपों के बाद मानों चुप्पी ही छा गई. करीब दो मिनट तक रघु शर्मा (Raghu Sharma) और लालचंद कटारिया (Lalchand Kataria) के बीच सवाल जवाब होते रहे. मुख्यमंत्री सुनते रहे, वो कुछ नहीं बोले. वैसे रघु शर्मा पहले भी डॉक्टरों के तबादलों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा से नाराजगी जता चुके हैं. यही नहीं पिछले दिनों महंगाई हटाओ रैली को लेकर जयपुर के एक बड़े होटल में हुई कांग्रेस की बैठक के दौरान भी रघु शर्मा ने मंत्रियों के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा था कि कुर्सी पर आने वाले खुद को भगवान या मालिक नहीं समझें और गलतफहमी में नहीं रहें.
HIGHLIGHTS
- सतह पर आई कांग्रेस की कलह
- रघु शर्मा ने गुलाबचंद कटारिया को सुनाई खरी-खोटी
- सीएम अशोक गहलोत ने बंद रखा मुंह