कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने रविवार को केन्द्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस, आर्थिक संकट, चीन से लड़ने की बजाय कांग्रेस की सरकारें गिराने के षड्यंत्र में लगे हैं. माकन ने कहा कि वास्तविकता यह है कि मोदी सरकार और भाजपा ने देश के प्रजातंत्र और संविधान पर हमला बोल रखा है. माकन ने रविवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘एक तरफ देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है और 130 करोड़ देशवासी गंभीर आर्थिक संकट से ग्रस्त हैं. 14 करोड़ से अधिक रोजगार खोए जा चुके हैं. छोटे, बड़े धंधे और व्यवसाय बंद होने की कगार पर हैं. चीन हमारे क्षेत्र पर कब्ज़ा बनाए हुए है. परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस, आर्थिक संकट, चीन से लड़ने की बजाय कांग्रेस की सरकारें गिराने के षड्यंत्र में लगे हैं.’’
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उन्होंने कहा कि राज्य की बहुमत वाली कांग्रेस सरकार के पक्ष में, कांग्रेस विधायकों के समर्थन में व संविधान तथा प्रजातंत्र की रक्षा के लिए सोमवार को पूरे देश में राजभवनों के सामने कांग्रेसजन व देशवासी गांधीवादी धरना देंगे. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की रक्षा और सुरक्षा के हमारे संकल्प को और ज्यादा मजबूत करेगा.
माकन ने कहा, ‘‘राजस्थान में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी हुई कांग्रेस सरकार गिराने के भाजपाई षड्यंत्र से साफ है कि यह विघटनकारी ताकतें प्रजातंत्र को दिल्ली दरबार की दासी बनाना चाहते हैं तथा लोकतंत्र को अपने हाथ की कठपुतली. बहुमत की सरेआम हत्या हो रही है और जनमत को कुचल भाजपा की काल कोठरी की सलाखों के पीछे डाल दिया गया है.’’
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उन्होंने कहा कि आज पूरा देश 'स्पीक अप फॉर डेमोक्रेसी' की आवाज बुलंद कर रहा है. देशवासियों को हमारा यह आह्वान है कि प्रजातंत्र की रक्षा एवं सुरक्षा के इस यज्ञ में आगे बढ़कर निर्णायक योगदान दें. यही सबसे बड़ी राष्ट्रभक्ति है. माकन ने कहा, ‘‘सबसे अधिक चिंता का विषय है कि संविधान व स्थापित संवैधानिक परंपराओं को बेरहमी से भाजपा द्वारा रौंदा जा रहा है. ऐसा प्रतीत होता है कि न्यायपालिका से भी अपेक्षित न्याय की उम्मीद खत्म हो गई है.
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राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति संविधान की रक्षा करने में असहाय और असक्षम नजर आते हैं.’’ उन्होंने मोदी सरकार से सवाल किया, ‘‘क्या देश को प्रजातंत्र और संविधान पर भाजपाई हमला स्वीकार्य है, क्या बहुमत और जनमत का निर्णय राजस्थान की 8 करोड़ जनता के वोट से होगा या फिर दिल्ली के हुक्मरानों के सत्ताबल और धनबल से.’’
उन्होंने कहा कि ‘‘क्या प्रधानमंत्री व भारत सरकार संविधान व स्थापित संवैधानिक परंपराओं को नाजायज सत्ता प्राप्ति की हवस में पांव तले रौंद सकते हैं?’’ माकन ने पूछा कि ‘‘क्या बहुमत से चुनी हुई राजस्थान सरकार के द्वारा बुलाए गए विधानसभा सत्र को राज्यपाल अनुमति देने से इंकार करके संविधान की घोर अवहेलना कर सकते हैं?’’
Source : News Nation Bureau