मुंबई सेंट्रल स्थित वॉकहार्ड अस्पताल में 52 नर्सिंग स्टफ और डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके एक दिन पहले ये आंकड़ा 26 था. इसलिए सभी को क्वारंटाइन किया गया है. वहीं पेडर रोड के जसलोक हॉस्पिटल में 15 पॉजिटिव केस मिले हैं, जिसमें 2 मरीज है बाकि सभी नर्सिंग स्टाफ है. इसके बाद जसलोक के 150 स्टाफ को क्वरंटाइन किया गया है. इन दोनों अस्पतालों में कोरोना के इतने सारे मामले आने के बाद दोनों अस्पतालों को सील कर दिया गया है. अस्पताल के अंदर मौजूद किसी भी शख्स को बाहर जाने की इजाजत नहीं है.
बता दें, देश में इससे पहले 50 डॉक्टर कोरोना से संक्रमित पाए गए थे. ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय अब स्थिति का आकलन करने और यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या ये डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारी कोविड -19 (COVID-19) के रोगियों द्वारा ही संक्रमित हैं. उन्हें किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में आने से संक्रमण हुआ है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या ये चिकित्सा कर्मचारी मरीजों से संक्रमित हैं या अपने कार्य स्थल के बाहर किसी के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं.
अधिकारी ने हालांकि बताया कि जो भी 50 मेडिकल स्टाफ के लोग कोरोना से ग्रस्त पाए गए हैं, उनमें से कुछ कोरोना के रोगियों का इलाज भी नहीं कर रहे थे. सरकार ने अब इन पॉजिटिव मामलों के संपर्कों का पता लगाने का काम शुरू कर दिया है, ताकि उनके संक्रमित होने के कारण का सही आकलन किया जा सके. यह भी पाया गया कि अस्पतालों में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) की कमी के कारण भी डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों को इस स्थिति से गुजरना पड़ रहा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि जरूरी उपकरण पर्याप्त मात्रा में न होने के कारण वह इलाज के दौरान रोगियों के संपर्क आए और खुद भी संक्रमित हो बैठे.
Source : News Nation Bureau