लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले देश के करीब 12 करोड़ कृषकों को हर साल 6000 रुपए का लाभ देने वाली केंद्र सरकार की महात्वाकांक्षी योजना, ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ का राजस्थान के भी करीब 84 प्रतिशत किसानों को लाभ मिलना था, लेकिन राज्य सरकार की दुर्भावना के कारण बड़ा तबका इस फायदे से वंचित रह गया. केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज बीजेपी मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह बात कही. इसके साथ ही शेखावत ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की इस सरकार ने सत्ता में आने के बाद भी राज्य के किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि समस्त भूमि का रिकॉर्ड प्रदेश सरकारों के पास होता है.केंद्र सरकार ने पीएम किसान योजना की पहली किस्त का 2000 हजार रुपया किसानों के खातों में डालने के लिए डेटा मांगा है.
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राज्य सरकार ने गलत मंशा से करीब 50 लाख लघु एवं सीमांत किसानों में से महज 1.27 लाख किसानों का ही डेटा भेजा है. इसमें से भी करीब 27 हजार किसानों का रिकॉर्ड आधा-अधूरा दिया गया है, जिससे उनको लाभ नहीं मिल पाया है. शेखावत ने बताया कि कांग्रेस सरकार की इस नाकामी के चलते प्रदेश के 50 लाख किसानों को पहली किस्त के तौर पर मिलने वाला करीब 1000 करोड़ रुपया नहीं मिल पाया. उन्होंने बताया कि इसी दौरान यूपी ने करीब 1 करोड़ 56 लाख, महाराष्ट्र की सरकार ने करीब 58 लाख, हिमाचल प्रदेश सरकार ने करीब 10 लाख और हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्य ने लगभग 11 लाख किसानों का डेटा केंद्र को भेज भी दिया. केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर हमलावर होते हुए कहा कि देशभर से करीब 4.50 करोड़ का डेटा मिल चुका है, जिसमें से केंद्र की मोदी सरकार ने करीब 3.75 करोड किसानों के खातों में पहली किस्त पहुंच भी चुकी है. पश्चिम बंगाल की सरकार ने एक भी किसान का डेटा नहीं दिया है. शेखात ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने 50 लाख किसान परिवारों के पेट पर लात मारी है, जिसका हिसाब किसान आने वाले लोकसभा चुनाव में चुकता कर देगा.
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*यह है योजना*
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक फरवरी को अपनी वर्तमान सरकार के आखिरी बजट में ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ लांच की थी. इस योजना को एक दिसंबर 2018 से लागू किया है. इसके तहत देश के लघु एवं सीमांत किसानों को हर साल 6000 हजार रुपये उनके बैंक खातों में भेजा जाना है. यह पैसा 2-2 हजार रुपये की समान किस्तों में मिलेगा. योजना में देश के करीब 12 करोड़ लघु एवं सीमांत किसान शामिल हैं. केंद्र सरकार पर इससे करीब 75000 करोड़ रुपए का सालाना भार आएगा. केंद्र सरकार ने इसके लिए 80 हजार करोड़ का फंड भी बना दिया है. योजना की पहली किस्त 26 फरवरी से मिलनी शुरू हो गई है. मार्च की किस्त जिन किसानों को नहीं मिलेगी, वह इस किस्त से हमेशा के लिए वंचित रह जाएंगे. मतलब उनको अगली किस्त का ही लाभ मिलेगा, बैकलॉग रहने की इसमें कोई सुविधा नहीं है.
Source : News Nation Bureau