राजस्थान में फिर चढ़ा सियासी पारा, CM गहलोत की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजनीतिक मुश्किलें फिर बढती जा रहीं हैं. विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद सचिन पायलट के और करीबी कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने आरोप लगाया कि गहलोत राज में उनको उपेक्षित किया जा रहा है

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Ravindra Singh
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Ashok Gehlot and Sachin Pilot

सीएम गहलोत के साथ पायलट( Photo Credit : फाइल )

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राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजनीतिक मुश्किलें फिर बढती जा रहीं हैं. विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद सचिन पायलट के और करीबी कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने आरोप लगाया कि गहलोत राज में उनको उपेक्षित किया जा रहा है. उन्होंने सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि वो कहते हैं कि, कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए हमने कुछ नहीं किया. प्रकाश सोलंकी ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा, अगर उनकी जनता के काम नहीं हुए तो वह भी इस्तीफा देने में एक मिनट की देरी भी नहीं लगाएंगे. 

वेद प्रकाश सोलंकी ने कुमार विश्वास की पत्नी की राजस्थान लोक सेवा आयोग में नियुक्ति पर सवाल उठाया की जिसने राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा उसकी पत्नी को राजनैतिक नियुक्ति क्यों. सोलंकी ने कहा सत्ता कुछ लोगों तक केंद्रीकृत हो गई इसका विकेंद्रीकरण कर मंत्रिमंडल का विस्तार करें सीएम गहलोत. सोलंकी ने आगे कहा गहलोत कोविड का बहाना कर नहीं बच सकते कोविड में भी वे चहेतो को नियुक्तियां देकर उपकृम कर रहे हैं. सोलंकी ने कांग्रेस हाईकमान से वरिष्ट विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे की वजह पर विचार करने और हेमाराम के दर्द को सुनना चाहिए. बता दें कि पायलट खेमे के विधायक हेमाराम चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है. 

कांग्रेस विधायक वेद सोंलकी ने कहा कि हेमाराम ने पार्टी के हित में काम किया है. वो जमीन से जुड़े नेता हैं समाज और क्षेत्र के विकास के लिए क्या काम किया है उनके मुद्दों को गंभीरता से सुना जाए. हेमराम का इस्तीफा देना बहुत ही दुःखद है. सोलंकी ने आगे कहा कि, मुख्यमंत्री को कार्यकर्ताओ का मनोबल बढ़ाने की जरूरत है. सोलंकी ने कहा कि आज मेरे कार्यकर्ताओं का मनोबल भी टूट रहा है. अधिकारी विधायकों की नहीं सुनते हैं. बहुत विभाग बिना मंत्रियों के ही हैं जहां के अधिकारी हावी हो रहे हैं.

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सोलंकी ने आगे कहा कि राजनीतिक नियुक्तियों की विभागों में अभी जरूरत है और हेमाराम एक ईमानदार नेता हैं, लेकिन सीनियर नेता की भी सुनवाई नहीं हो रही है. आला कमान को हेमाराम को मनाने की जरूरत है आज उनका संयम टूट गया है इस मामले में कांग्रेस के आला कमान को समझने की जरूरत है. 

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सोलंकी ने कहा कि कोरोना काल में जनता को बचाने का प्रयास उनके कार्यकर्ता और नेता कर रहे हैं. 3 दिन से चाकसू में जनता की बीच रहे सोलंकी ने कहा कि वहां पर चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है. कोरोना में जब रैली और नियुक्ति हो रही है. तो राजस्थान में क्यों नही हो रही. सोलंकी ने आगे कहा कि हेमाराम से वार्ता करने की जरूरत है वो पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं हेमाराम सीनियर लीडर है. अगर हेमा राम की सुनवाई नहीं हुई तो मेरे कार्यकर्ताओं की भी सुनवाई नहीं होगी इसलिए मैं भी इस्तीफा दे दूंगा.

HIGHLIGHTS

  • राजस्थान में  फिर बढ़ी राजनीतिक हलचल
  • वेद प्रकाश सोलंकी ने लगाया उपेक्षा का आरोप
  • हेमाराम के इस्तीफे पर नाराज हैं सोलंकी
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