राजस्थान में पिछले 10 महीने में हनीट्रैप के 25 से अधिक मामले सामने आए. ISI की खूबसूरत लड़कियां सोशल मीडिया के सहारे जवानों को अपने झांसे में लेती हैं. जाल में फंसाकर सेना के मूवमेंट और नए हथियारों के बारे में सुराग लेती है, इसके लिए पाकिस्तान अब हनीट्रैप का सहारा ले रहा है. पाक के हनीट्रैप का जाल जो अब तक सेना के जवानों और सरहदी इलाकों तक ही सीमित था अब हिन्दुस्तान के छोटे कस्बों की तरफ भी बढ़ रहा है. यह चौंकाने वाला खुलासा राजस्थान इंटेलिजेंस ने ISI महिला एजेंट के संपर्क में आए 10 लोगों की हिरासत के बाद हुआ है.
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पुलिस इंटेलिजेंस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की महिला एजेंट के जाल में फंसे 10 लोगों को हिरासत में लिया है, इनमें से एक सेना अक जवान भी है. आलम यह है कि इस बार हनीट्रैप का जाल सीमा से सैकड़ों किलोमीटर दूर भरतपुर और कोटपुतली जिलों तक पहुंच गया है, यहां से 4 लोगों को हिरासत में लिया गया है. पाकिस्तानी महिला एजेंट से लंबी वीडियो कॉलिंग करने वालों की जांच की जा रही है. ऐसे भी लोग सामने आ रहे हैं, जिन्होंने महिला एजेंट से लंबी बात की और अपने मोबाइल को तोड़ दिया.
इंटेलिजेंस सूत्रों की माने तो यह पाकिस्तानी महिला एजेंट कई लोगों के संपर्क में हैं. यहां तक की इंडियन आर्मी की सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन किसी भी कीमत पर हासिल करने के लिए पाकिस्तान ने एक फौज खड़ी कर दी है. इनके टारगेट पर अब तक आर्मी से जुड़े लोग ही रहे हैं, लेकिन अब विषकन्याओं की इस फौज के पैटर्न में यह नया बदलाव देखने को मिल रहा है, क्योंकि इनके निशाने पर अब सिविलयन या आम नागरिक हैं. रविवार देर रात टीम ने पाली, जैसलमेर,
जोधपुर में एक साथ दबिश दी. इनमें जयपुर के जयसिंहपुरा इलाके के कुलदीप सिंह शेखावत को जैतारण (पाली) के शराब ठेके से पकड़ा. कुलदीप वहां सेल्समैन था. उसने खुद को फौजी बताते हुए सोशल मीडिया पर आईडी बना रखी थी.
सेना में नौकरी करने करने वाले, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े लोगों और उनकी मूवमेंट पर नजर रखने वालों को फंसाया जाता है. इसके जरिए बंकरों और नई तकनीकों के बारे में सूचना जुटाई जाती है. बकायद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी पहले इसके लिए खूबसूरत युवतियों को खास प्रशिक्षण दे रही है, जोकि सोशल मीडिया के जरिए सीमा पार के लोगों को फंसाती है. ऐसा ही शख्स जैसलमेर से पकड़ा गया संदिग्ध रतनसिंह राजपूत पोहड़ा गांव में सोलर कंपनी में ड्राइवर है, जबकि तीसरा संदिग्ध जोधपुर के शेरगढ़ निवासी महेंद्रसिंह राजपूत है. इसी तरह दूध बेचने वाले जैसलमेर के पोकरण में भाणियाना गांव निवासी मजीद खान को भी पकड़ा गया है. इनके नाम से जारी मोबाइल सिम का इस्तेमाल पीआईओ यानी पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के मॉड्यूल में जासूसी करने वाली महिला एजेंट कर रही हैं. हनीट्रैप के लिए फेसबुक सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बनता जा रहा है. इन केसों में भी इस प्लेटफॉर्म के यूज से लोगों को फंसाया गया है.
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डिफेंस एक्सपर्ट विजय सागर धीमान का कहना है कि दरअसल हमेशा मुंह की खाने वाला पाकिस्तान नापाक हरकत करने से बाज नहीं आता है. जंग में तो पाकिस्तान कभी हमसे जीत नहीं पाया, इसलिए अब पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई कायराना हरकत में जुटी है. चूंकि, राजस्थान की 1037 किलोमीटर की सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है, राजस्थान में ही पोखरण, बीकानेर महाजन फायरिंग रेंज है, इसके अलावा जैसलमेर, बाड़मेर, सूरतगढ़, जयपुर में कई संवेदनशील आर्मी के कैंप हैं. यही वजह है कि पाकिस्तान और उसकी एजेंसी राजस्थान की सेना के मूवमेंट में सबसे ज्यादा दिलचस्प रखता है और ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाना चाहता है.
16 सितंबर को राजस्थान इंटेलिजेंस ने नरहड़ गैस एजेंसी के संचालक को गिरफ्तार किया है. गैस एजेंसी संचालक संदीप पिछले कई समय से पाकिस्तानी एजेंसी ISI को सेना के मूवमेंट की संदिग्ध सूचनाएं भेज रहा था. यहां गौर करने वाली बात यह है कि संदीप भारतीय सेना का जवान नहीं है, एक आम व्यक्ति यानी सिविलियन है. अब बड़ा सवाल यह है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने संदीप को टारगेट क्यों किया? क्योंकि संदीप की गैस एजेंसी है. संदीप का आर्मी कैंप एरिया में बार-बार आना-जाना रहता है, इसीलिए पाकिस्तान विषकन्या ने संदीप को चुना. सोशल मीडिया के माध्यम से संदीप को झांसे में लिया और बदले में सेना की सूचनाएं लीं.
इसी तरह 14 अक्टूबर को जोधपुर में राजस्थान इंटेलिजेंस यूनिट ने एक पाकिस्तानी जासूस राम सिंह को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि वह पिछले कई महीनों से सेना की खुफिया जानकारी सरहद पार भेज रहा था. राम सिंह खुद मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) के जोधपुर जोन ऑफिस में तैनात था. वो पाकिस्तानी महिला हैंडलर के हनी ट्रैप में फंस कर सामरिक महत्व की सूचनाएं लीक कर रहा था.
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इसी तरह जयपुर रेलवे स्टेशन के पास पोस्ट ऑफिस में 12 सितंबर को राजस्थान और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने संयुक्त कार्रवाई कर भरत बावरी नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है. भरत पोस्ट ऑफिस में मल्टी टास्किंग पद के तौर पर काम कर रहा था. आरोप है कि भारत पोस्ट ऑफिस में आने वाली भारतीय सेना की डाक की फोटो खींचकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भेजता था.
यह सिर्फ नाम मात्र केस हमने आपको बताएं ऐसे कई मामले है जहां पर सिविलियन और भारतीय सेना के जवानों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने अपना निशाना बनाया. किसी बड़े खतरे की अंदेशा को देखते हुए मिलिट्री इंटेलिजेंस और खुफिया एजेंसी सक्रिय है. हनी ट्रैप का शिकार के खिलाफ लगातार कार्रवाई भी की जा रही है. सूत्रों की माने तो पाकिस्तान भविष्य में कोई बड़ा कदम उठा सकता है, इसीलिए शायद पाकिस्तान भारतीय सेना की मूवमेंट की जानकारी रखना चाहता है, लेकिन नापाक पाक यह भूल गया है कि वह हमेशा मुंह की खाया है इस बार भी मुंह की खाएगा.