उदयपुर के टेलर कन्हैया लाल की हत्या के मामले में पाकिस्तान और आतंकी लिंक मिला है. NIA ने UAPA के तहत इस मामले को दर्ज कर हत्या की इस घटना की आतंकी साजिश के एंगल से जांच शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, जांच में जो खुलासे हुए हैं वो चौंकाने वाले हैं और अंतरराष्ट्रीय आतंकी साजिश की तरफ इशारा कर रहे हैं. NIA की 4 सदस्यीय टीम इस मामले की जांच में जुटी है.
एनआईए को जांच में 10 के करीब ऐसे मोबाइल नंबर मिले हैं, जिनकी लोकेशन पाकिस्तान में थी. इन नंबरों पर कन्हैया टेलर की हत्या करने तक गौस मोहम्मद लगातार बात कर रहा था. सूत्रों के मुताबिक, इनमें से कुछ नंबर पाकिस्तान में कराची के एक सलमान भाई और दूसरे अब्बू इब्राहिम नाम के शख्स के हैं. इन दोनों से हत्यारे गौस मोहम्मद और रियाज लगातार संपर्क में थे. दावत-ए-इस्लामी से जुड़े सलमान भाई और अब्बू इब्राहिम ने गौस मोहम्मद से नुपुर शर्मा के मामले पर भारत में "कुछ करने" को कहा था.
सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों स्लीपर सेल की तरह थे और इस आदेश के बाद एक्टिव हो गए. 20 जून से कन्हैया की हत्या की प्लानिंग शुरू कर दी गई. सबसे पहले वेल्डर का काम करने वाला रियाज ने हत्या में इस्तेमाल हथियार तैयार किया. इसके बाद रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद ने उदयपुर के अंजुमन में एक मीटिंग की. इस मीटिंग में मौलाना और वकील समेत कुल 6 लोग थे. इस मीटिंग में इन दोनों आरोपियों ने टेलर कन्हैया का सिर काटने की बात की और पूरी प्लानिंग के तहत इन दोनों हत्यारों ने कन्हैया की दुकान की 5 बार रेकी भी की.
इसके बाद गौस मौहम्मद ने पकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर सलमान भाई और अब्बू इब्राहिम को फोन कर कहा कि "मिसाल कायम करने वाला वीडियो जल्द भेजेंगे" मंगलवार को पूर्व नियोजित साजिश के तहत रियाज़ अख्तरी ने एक धारदार हथियार से कन्हैया लाल के सिर और गले पर तलवार से 26 वार कर हत्या कर दी और गौस मोहम्मद ने इसका फोन से वीडियो बनाया.
दावत-ए-इस्लामी में कैसे शामिल?
उदयपुर के ही रहने वाले दावत-ए-इस्लामी के दो सदस्यों के संपर्क में गौस मोहम्मद आया था और उन्होंने ही इसको पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन दावत-ए-इस्लामी में शामिल करवाया था.
सलमान भाई और अब्बू इब्राहिम कैसे बने हैंडलर?
साल 2014 में अलग-अलग राज्यों के 30 दूसरे भारतीयों के जत्थे के साथ गौस मोहम्मद उदयपुर के ही 2 लोगों के साथ कराची गया था, जहां उसको सलमान भाई और अब्बू इब्राहिम मिले. बताया जा रहा है कि वहां गौस मोहम्मद की कड़ी ट्रेनिंग हुई और वो 45 दिनों के बाद भारत लौटा. गौस मोहम्मद साल 2013 और 2019 में सऊदी अरब गया और सलमान भाई एवं अब्बू इब्राहिम के निर्देशों पर वो इसी दौरान कम से कम 2 बार नेपाल भी गया था.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों से लगातार पूछताछ चल रही है, उनके मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच हो रही है. साथ ही दोनों हत्यारों के मददगारों और साजिश में शामिल लोगों की धड़पकड़ तेजी से हो रही है. NIA की 4 सदस्यीय टीम इस मामले की जांच में जुटी है.
Source : Rumman Ullah Khan