बांसवाड़ा शहर के नजदीक बारी सियातलाई वन क्षेत्र में जंगली जानवरों के शिकार के लिए लगाए फंदे में आज सुबह एक पैंथर फंस गया. पैंथर के गुर्राने की आवाजें सुनकर आसपास के सैकड़ों ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा. पैंथर छटपटा रहा है.. लेकिन वन विभाग, पुलिस विभाग और स्थानीय ग्रामीण चार घंटे से प्रयास करने के बावजूद उसे निकालने में सफल नहीं हो पाए हैं.
शहर से करीब चार किलोमीटर दूर सरकारी मॉडल स्कूल और जिला कारागृह के करीबी इस वन क्षेत्र में संभवत: पैंथर रात में फंसा. वन विभाग के उप वन संरक्षक शैदा हुसैन ने मौके पर बताया कि आसपास के लोगों ने खरगोश, सुअर, सियार, जरख सरीखे जंगली जानवर के शिकार के लिए यहां पहाडियों के बीच मैदानी इलाके में पगडंडी के रास्ते पर झाडिय़ों से घेरा बनाकर चिमटानुमा आंकडिय़ों के दो फंदे डाले हुए हैं. इस पर किसी जानवर की चर्बी डालने से कयास है कि पैंथर उसे खाने के लिए बढ़ा और आंकड़ी में बायां पैर फंस गया.
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इसे निकालने के प्रयास में उसके पैर में गहरा घाव हो गया है. जख्मी होने की वजह से पैंथर लगातार गुर्रा रहा है, जिससे लोगों में खौफ है. किसी भी शख्स को पैंथर के आसपास जाने नहीं दिया जा रहा है. इसके लिए विभागीय कर्मचारियों के अलावा पुलिस फोर्स बुलवाई गई है. पैंथर को ट्रेंक्यूलाइज करके ही सुरक्षित निकाला जा सकता है, इसलिए उदयपुर से मदद मांगी ट्रेंक्यूलाइजर गन लेकर विभागीय विशेषज्ञ सतनाम सिंह पहुंचे घंटे-दो घंटे में पहुंचने पर पैंथर को काबू में कर फंदे से निकालकर उपचार के लिए ले जाने की कवायद शुरू हो गई.
उदयपुर से आई टीम बाद में पैंथर को बेहोश कर पकड़ा और खाट पर रखकर उसे पिंजरे में बंद कर दिया. पैंथर को देखने बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ गई. पैंथर को बेहोश करने से पूर्व मे सभी ग्रामीणों को वहां से हटाया गया. पैंथर को उदयपुर लेकर टीम रवाना हो गई. मादा पैंथर की उम्र 3 साल बताई जा रही है.
Source : News Nation Bureau