पूरे विश्व में महामारी का रूप ले चुके कोरोना के बचाव को लेकर राज्य और केंद्र सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकार के इन प्रयासों के बीच कई जगहों पर हो रही लापरवाही को लेकर एडवोकेट शुभम मोदी ने राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में एक जनहित याचिका दायर की है. शुभम मोदी की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार सहित समस्त पक्षकारों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई पर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.
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याचिकाकर्ता एडवोकेट शुभम मोदी ने बताया कि कोरोना के बचाव को लेकर केंद्र और राज्य सरकार ने कई गाइडलाइंस जारी की है. लेकिन अभी भी गाइडलाइन का पूरी तरह से पालना नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट में थर्मल इंफ्रारेड स्कैनिंग सिस्टम नहीं है. मेडिकल डिस्पेंसरी में पर्याप्त ग्लब्ज उपलब्ध नहीं है. रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर किसी भी तरह की स्कैनिंग नहीं की जा रही है. वहीं कोरोना के बचाव के लिए अपनी जान को खतरे में डालने वाले डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ की सुरक्षा को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कोई पॉलिसी नहीं बनाई गई है.
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मोदी ने बताया कि जोधपुर में डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की काफी कमी है ,साथ ही. बाजारों में सेनेटाइजर ओर मास्क की कालाबाजारी हो रही है. शुभम मोदी ने बताया कि इस संघर्ष में जहां एक और सरकारी अस्पताल पूरा प्रयास कर रहे हैं. वहीं निजी अस्पताल अभी भी निर्धारित गाइडलाइन का पालना नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने सभी तर्क सुनने के बाद केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव, स्टेट हेल्थ सेक्रेट्री, बीसीसीआई, यूजीसी, राज्य निर्वाचन आयोग, रेलवे और राजस्थान हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई पर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. अब इस मामले पर 24 मार्च को वापिस सुनवाई होगी.