राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल के खिलाफ भाजपा द्वारा फैलाये जा रहे कथित मिथ्या प्रचार की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए इसे भाजपा की झूठे आरोप लगाने की प्रवृत्ति का परिचायक बताया. पायलट ने मंगलवार को एक बयान में भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा हर चुनाव में राजनीतिक हित साधने के लिये इस मुकदमे का जिक्र कर देती है.
उल्लेखनीय है कि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने सोमवार को अशोक गहलोत पर अपनी कुर्सी बचाने के लिये वेणुगोपाल को राजस्थान से राज्यसभा भेजने का आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया कि वेणुगोपाल ने राज्यसभा के अपने नामांकन में उनपर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) के तहत मामला दर्ज होने का उल्लेख किया है. उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में प्राथमिकी 2018 में दर्ज करवाई थी लेकिन आरोपों में कोई सत्यता नहीं होने और सबूतों के अभाव के कारण आज दिन तक शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है.
वेणुगोपाल सहित 22 नेताओं पर प्रकरण दर्ज हुआ था
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता वेणुगोपाल के खिलाफ जिस मुकदमे को लेकर भाजपा के नेता मिथ्या प्रचार कर रहे हैं उसकी सच्चाई यह है कि केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चाण्डी और वेणुगोपाल सहित 22 नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ यह प्रकरण दर्ज हुआ था जिसे तत्कालीन केरल की यूडीएफ सरकार को सत्ता से बाहर करने हेतु षडय़त्रपूर्वक रचा गया था.
वेणुगोपाल ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्जी की
पायलट ने कहा कि तथाकथित आरोप 2011 एवं 2012 में लगाये गये थे परन्तु माकपा के नेतृत्व वाली सरकार ने इस प्रकरण में एफआईआर सन 2018 में दर्ज करवाई, लेकिन आरोपों में कोई सत्यता नहीं होने व सबूतों के अभाव के कारण आज दिन तक शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि उक्त आरोपों के बावजूद वेणुगोपाल 2014 के लोकसभा चुनाव में अलप्पुझा लोकसभा क्षेत्र से भारी मतों से विजयी हुए थे जो क्षेत्र की जनता का उनके बेदाग चरित्र के प्रति अटूट विश्वास का परिचायक है.