इंकार देहली में पुलिस और वकीलों के बीच चल रहा विवाद आज अलवर में भी आ गया. वकीलों द्वारा पुलिस कर्मियों के साथ हाथापाई व अभद्रता के मामले के बाद अलवर कोर्ट परिसर पुलिस छावनी बन गया और वकील और पुलिस आमने सामने हो गई. शाम तक कोर्ट परिसर में हालात तनावपूर्ण रहे. वकीलों और पुलिस के बीच हुए विवाद के बाद पुलिस के द्वारा 4 अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. इनमे महिला कांस्टेबल से छेड़खानी, राजकार्य में बाधा, एससी एसटी ओर मारपीट का मामला दर्ज किया गया है.
मामले की जांच सीओ ट्रैफिक विजयपाल को सौंपी गई है. इस मामले में डीजे मनोज कुमार व्यास के नेतृत्व में प्रशासन पुलिस और वकीलो की मौजूदगी में समझौता वार्ता की गई जिसमे मामले को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने के प्रयास किये गए. फिलहाल कोर्ट में शांति व्यवस्था कायम है. अदालत में महिला कांस्टेबल से छेड़खानी ओर अश्लीलता ,अभद्रता ओर सम्मन फाड़ने का मामला महिला थाने में दर्ज हुआ है. जबकि अन्य तीन प्रकरण कोतवाली थाने में दर्ज किए गए हैं.
एक मुकदमा हरियाणा के फरीदाबाद के कांस्टेबल प्रवीण ने मुकदमा दर्ज करवाया है. जबकि दो अन्य मुकदमे भी अन्य पुलिस कर्मियों ने दर्ज करवाये हैं. जिनके साथ वकीलो ने मारपीट की थी. पुलिस ने इस मामले में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उदय सिंह सहित अन्य को पकड़ कर एसपी ऑफिस में बैठा लिया था लेकिन डीजे के नेतृत्व में हुई पहले दौर की वार्ता के बाद पुलिस ने सभी वकीलों को छोड़ दिया.
एसपी परिस देशमुख ने बताया कि सुबह करीब 11 बजे के वकीलों के द्वारा एक महिला कांस्टेबल और हरियाणा के पुलिसकर्मी सहित चार पुलिस कर्मियों के साथ अलग-अलग जगह मारपीट की थी. इसके बाद मामला भड़क गया. पुलिस ने वकीलों को खदेड़ दिया. सभी वकील जिला सेशन जज के केम्पस चले गए. इस मामले में चार अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
मामले की जांच सीओ ट्रैफिक विजय पाल सिंह को सौंपी गई है. और जिला सेशन जज अलवर के नेतृत्व में प्रशासन पुलिस और वकीलों के बीच शांति व्यवस्था को बहाल करने के लिए वार्ता चलती रही. फिलहाल मौके पर शांति कायम है. इधर पुलिस बल सुबह से ही तैनात रहा. अदलात मामले को लेकर पुलिस कर्मियों में आक्रोश देखा गया. कुछ पुलिस कर्मी इस मामले में पुलिस अधिकारियों के रवैये से दुखी दिखाई दिए.
पूर्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल वशिष्ट ने बताया कि वकीलों और पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच वार्ता पहले दौर की हुई जिसमें पुलिस के द्वारा मुकदमा नहीं दर्ज करने के बाद ही दूसरे दौर की वार्ता होगी और उसके बाद मसले का हल निकाल लिया जाएगा. वकीलों और पुलिस के बीच विवाद की स्थिति पैदा नहीं हो ऐसी कोशिश की जाएगी.
Source : मुदित गौर