Rajasthan MLA Resignation: एक तरफ जहां देश की राजनीति दिन-प्रतिदिन गरमाती जा रही है, सभी पार्टियां एक दूसरे पर हमला बोल रही हैं, वहीं इन सबके बीच लोकसभा चुनाव 2024 के बाद सांसद बनने वाले चार विधायकों ने अब अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सभी के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं. विधायक पद से इस्तीफा देने वालों में मुरारी लाल मीना, हरीश चंद्र मीना, बृजेंद्र सिंह ओला और हनुमान बेनीवाल शामिल हैं. बता दें कि मुरारी लाल मीणा दौसा से विधायक थे. वहीं, हरीष चंद्र मीणा उनियारा से विधायक थे. बृजेंद्र सिंह ओला झुंझुनू और हनुमान बेनीवाल खींवसर से विधायक पद की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.
आपको बता दें कि इन इस्तीफों से यह उम्मीद की जा रही है कि नेता राजनीतिक मामलों में एक नया संदेश दे रहे हैं और उनके क्षेत्रों में राजनीतिक दिशा में बदलाव की उम्मीद है. इनके इस्तीफे से उनके प्रदेश में नए नेताओं का आगमन हो सकता है, जो नई दिशा में अपने क्षेत्रों को विकसित करने का प्रयास करेंगे.
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राजकुमार रोत पहले ही दे चुके हैं इस्तीफा
इसके अलावा आपको बता दें कि इससे पहले 14 जून को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने चौरासी सीट से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक रहे राजकुमार रोत का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया था. लोकसभा चुनाव में बांसवाड़ा सीट से राजकुमार रोत ने बड़ी जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए महेंद्रजीत मालवीय को करीब ढाई लाख वोटों से हराया था.
200 में से पांच विधानसभा सीटों पर होगा बाय-इलेक्शन
इसके साथ ही आपको बता दें कि राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से पांच सीट खाली हो गई हैं, जिन पर अब उपचुनाव होने हैं। ये उपचुनाव कब और कैसे होंगे, इसका फैसला चुनाव आयोग करेगा.
भाजपा के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा उपचुनाव
वहीं अगर पिछले साल हुए उपचुनाव की बात करें तो साल 2023 के विधानसभा उपचुनाव में पांच सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में यह उपचुनाव भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है. बता दें कि पिछले साल की चुनावी हार के बाद, बीजेपी ने इन पांच सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए एक मास्टरप्लान बनाया है. इसके तहत पार्टी ने राजनीतिक उठाने, संगठन को मजबूत करने और जनता के विश्वास जीतने के लिए विस्तृत रणनीति बनाई है. वहीं इस बार के उपचुनाव में बीजेपी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन पार्टी ने अपने विजयी भविष्य की दिशा में सख्त उम्मीदें जताई हैं. स
कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे रालोप और बाप?
इसके अलावा आपको बता दें कि राजनीतिक जानकारों का मानना है कि हनुमान बेनीवाल और राजकुमार रोत की पार्टियां विधानसभा में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगी, ऐसे में भाजपा के साथ त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है जो काफी दिलचस्प होगा.
HIGHLIGHTS
- राजस्थान में इन 4 विधायकों के इस्तीफे से मचा हड़कंप
- 200 में से पांच विधानसभा सीटों पर होगा बाय-इलेक्शन
- भाजपा के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा राजस्थान का उपचुनाव
Source : News Nation Bureau