जोधपुर में सचिन पायलट का शक्ति प्रदर्शन, उमड़ी भीड़
जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृहक्षेत्र और सियासी किला माना जाता है. गहलोत के गढ में पहली बार पायलट के लिए उमड़ी भीड़ ने अशोक गहलोत के सामने चुनौती खड़ी कर दी है.
राजस्थान कांग्रेस में मचा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के गढ जोधपुर में अपनी सियासी ताकत दिखाने की कोशिश की है. इसके अलावा पायलट ने अलवर सहित कई इलाकों में शक्ति प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने चुनौती पेश कर रहे हैं. पंजाब में भले ही कांग्रेस में मचा सियासी घमासान थमने का कगार पर है. मगर राजस्थान में गहलोत और पायलट के बीच सियासी घमासान बरकरार है. बता दें कि सोमवार को सचिन पायलट दिल्ली से सीधे जोधपुर पहुंचे. एयरपोर्ट से बाहर उनके समर्थकों के द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया.
जोधपुर पहुंचते ही सचिन पायलट ने इशारों ही इशारों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा. जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृहक्षेत्र और सियासी किला माना जाता है. गहलोत के गढ में पहली बार पायलट के लिए उमड़ी भीड़ ने अशोक गहलोत के सामने चुनौती खड़ी कर दी है. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता और नेताओं की भीड़ सचिन पायलट का स्वागत करने पहुंची. हालांकि पायलट को बाड़मेर जाना था. लेकिन उनके आने की खबर लगते ही जोधपुर में उनके समर्थकों का तांता लगा हुआ था.
जोधपुर से बाड़मेर के बालोत्तरा तक पायलट गुट के नेताओं ने पायलट के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की. नारेबाजी के दौरान पायलट समर्थकों ने इसे शक्ति प्रदर्शन में बदलने की प्रयासरत दिखीं. सड़क से लेकर हाईवे तक हर जगह पायलट के समर्थन में नारेबाजी की जा रही थी. गुरुवार को वो जब जोधपुर से जयपुर लौटे तब भी हाईवे पर पायलट समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक पायलट का जोधपुर में राजनीतिक ताकत दिखाने का मकसद साफ है कि वो पार्टी कमान को ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनका प्रभाव सभी जगह है. क्योंकि अब तक सचिन पायलट का प्रभाव क्षेत्र पूर्वी राजस्थान यानी गुर्जर-मीणा बहुल इलाकों में ही माना जाता था.
HIGHLIGHTS
जोधपुर में सचिन पायलट का शक्ति प्रदर्शन
जोधपुर में पायलट की समर्थक में उमड़ी भीड़
सड़क से लेकर हाईवे तक हर जगह पायलट के समर्थन में नारेबाजी