भाजपा अब अपने कार्यकर्ताओं को पदों की रेवड़ी बांटने की तैयारी में हैं. भाजपा में संगठनात्मक बदलाव की तैयारी है. अधिकतर जिला अध्यक्ष बदले जाएंगे. राजस्थान के 2 विधानसभा में उपचुनाव होने वाला है. इसके बाद नगर निकाय और पंचायती राज चुनाव होने वाला है. कार्यकर्ता किसी भी पॉलिटिकल पार्टी की रीढ़ होते हैं. सत्ता में बैठी पार्टी हो या फिर विपक्ष में भूमिका अदा कर रही राजनीतिक पार्टी चुनावों में हर पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं की याद आती है. एक ओर जहां सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को बोर्ड निगम आयोग की जिम्मेदारी देने का भरोसा दिला रही है. वहीं विपक्ष में बैठी भाजपा संगठनात्मक जिम्मेदारियों के जरिए कार्यकर्ताओं की सुध लेने की कवायद में जुट गई है.
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भाजपा में चुनावों से पहले बड़ा संगठनात्मक फेरबदल होने की तैयारी है. जिला स्तर पर जिला अध्यक्ष बदलने के साथ ही बूथ लेवल पर नए कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी. इसके पीछे मकसद है चुनाव में कार्यकर्ता पूरी शिद्दत से जुट जाएं. राजस्थान में 2 विधानसभा उपचुनाव उसके बाद निकाय और पंचायत का चुनाव है. तीनों ही चुनावों को अहम माना जा रहा है. वजह भी साफ है 2 विधानसभा उपचुनावों को राजस्थान में निकाय और पंचायती चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है. भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां एक ओर जहां दोनों उपचुनावों को जीतने की रणनीति बना रही है. नगर निकाय और पंचायती चुनावों को ध्यान में रख कार्यकर्ताओं को साधने की कवायद में भी जुटी है. सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को तमाम निगम बोर्ड आयोगों में जिम्मेदारी का भरोसा दिला कर सत्ता की भागीदारी में होने का एहसास करा रहे हैं. वहीं भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक जिम्मेदारी के जरिये साधने की कवायद में जुटी हैं.
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नया प्रदेश अध्यक्ष बनने पर अपनी पसंद की टीम बनाना आम बात है. सतीश पूनिया भी अपनी टीम राजस्थान में खड़ी करने जा रहे हैं. तमाम नेताओं से राय
मशविरा कर संगठनात्मक फ़ेरबदल की कोशिशें जारी हैं. संगठन महामंत्री और सतीश पूनिया के बीच संगठनात्मक फेरबदल को लेकर कई मीटिंग हो चुकी हैं.माना जा रहा है जिला स्तर पर बदलाव के साथ प्रदेश कार्यकारिणी में भी भारी बदलाव होंगे. सतीश पूनिया ने इसके संकेत देते हुए कहा ब्लॉक और जिला स्तर पर तैयारियां जारी हैं. कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया जा रहा है. चुनाव को ध्यान में रख जातीय, क्षेत्रीय समीकरण साधकर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी. साफ है पार्टी के नेता जानते हैं कि कार्यकर्ता के समर्पण, मेहनत पर ही निर्भर करते हैं. चुनाव परिणाम ऐसे हर पार्टी चुनावी सीजन के कार्यकर्ताओं को साधने के जतन करती है.