पुलवामा के पिंगलान इलाके में सोमवार को हुई मुठभेड़ में राजस्थान के जवान शहीद हो गए. उनके पैतृक गांव इसकी सूचना पहुंच चुकी है, जिससे गांव में शोक की लहर है. हालांकि, ग्रामीणों ने इसकी सूचना शहीद जवान के परिजनों की नहीं दी है. गांव में शादी ब्याह के मंगल गीत बंद हो गए हैं. अब ग्रामीण शहीद जवान के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे हैं.
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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिला स्थित पिंगलान इलाके में सोमवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई. इसमें सेना के चार जवान शहीद हो गए. इनमें से एक जवान श्योराम राजस्थान के झुंझुनूं के रहने वाले हैं. उनका पैतृक गांव खेतड़ी के टीबा में है. वह 55आरआर कंपनी में कश्मीर के पुलवामा में तैनात थे. उनके पिता बालूराम की पहले ही मौत हो चुकी है. घर में मां शारली देवी, वीरांगना सरिता देवी और एक पांच साल का बच्चा है. ये बच्चा एलकेजी में पढ़ाई कर रहा है. श्योराम की शहीद होने की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर फैल गई. सभी में पाकिस्तान के खिलाफ काफी गुस्सा है. ग्रामीणों का कहना है कि आखिर कब तक हमारे जवान शहीद होते रहेंगे. पाकिस्तान को इसका मुंहतोड़ जवान देना चाहिए. ग्रामीणों ने शहीद श्योराम के परिजनों को इसकी जानकारी नहीं दी है. दूर-दराज से आने वाले लोगों को ग्रामीण शहीद के घर नहीं जाने दे रहे हैं. वह नहीं चाहते हैं कि शहीद के परिवार को इसकी कोई जानकारी हो. नहीं अभी ही उनपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ेगा. शहीद के पार्थिव शरीर आते ही खुद-ब-खुद उनके परिवार को इसकी जानकारी हो जाएगी.
Source : News Nation Bureau