राजस्थान विधानसभा चुनाव में पहलू खान मॉब लिंचिंग मामला अहम मुद्दा बना था. एक बार फिर से यह मामला निकाय चुनावों में भी गरमा रहा है. हाईकोर्ट के आदेश की आड़ में कांग्रेस सरकार राजस्थान की पूर्व की सरकार जमकर निशाना साधा रही है. हाल ही में हाईकोर्ट ने आदेश में कहां है कि पहलू खान और उसके परिवारजनों पर तस्करी का आरोप लगाना कानून का दुरुपयोग है. कांग्रेस हाईकोर्ट के आदेश को तो सियासी हथियार बना ही रही है साथ ही केंद्र सरकार पर भी यह कहकर हमला बोल रही है कि मॉब लिंचिंग कानून को केंद्र अभी तक अनुमति नहीं दे रहा है. लिहाजा मॉब लिंचिंग घटनाओं को रोकने में प्रभावी कदम सरकार नहीं उठा पा रही है.
रामगढ़ से कांग्रेस की विधायक साफिया जुबेर खान ने कहा कि पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में पिछली भाजपा सरकार ने जान-बूझकर कानून का दुरुपयोग किया. पुलिस ने सही दिशा में जांच नहीं की. पीट-पीटकर हत्या का वीडियो सामने आने के बाद भी गौ तस्करी जैसे आरोप ने कानून का मजाक उड़ा दिया.
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दूसरी ओर भाजपा भी भला कहां पीछे रहने वाली थी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कांग्रेस सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पहलू खान को अपना ब्रांड एम्बेस्डर बनाना चाहती है.जहां तक कांग्रेस के आरोप है कांग्रेस चाहे विपक्ष में रहे या सत्ता में उसका काम आरोप लगाना ही है.
दरअसल पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में ऐसा नहीं है कि पहली बार सियासत हो रही है. अब निकाय चुनाव है तो यह मुद्दा फिर से गरमा गया है.
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बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट ने मॉब लिंचिंग के शिकार पहलू खान और उनके बेटों के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया है. दरअसल, पुलिस ने पहलू खान पर हमला करने वालों के खिलाफ हत्या का केस तो दर्ज किया ही था. साल 2017 में भीड़ ने गो-तस्करी के शक में पहलू खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. एक अप्रैल 2017 को हरियाणा के नूंह (मेवात) ज़िले के निवासी पहलू ख़ान (Pehlu Khan) जयपुर से दो गाय खरीद कर अपने घर ले जा रहे थे.