राजस्थान में भले चुनाव सभा साल बाद है मगर दोनों ही पार्टियां चुनावी मोड में आ चुकी है भाजपा की ओर से जोधपुर में चुनावी शंखनाद के बाद गहलोत सरकार अपने परंपरागत वोट बैंक साधने की कवायद में जुट गई है. दरअसल लंबे समय से ग्रामीण वोट बैंक जो कभी कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक रहा था पिछले विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में छिटक गया. वही पंचायती राज चुनावों में भले ही कांग्रेस का प्रदर्शन बीजेपी से अच्छा रहा लेकिन वोट प्रतिशत बात करें तो कांग्रेसका वोट में काफी कम हो गया है. ऐसे में गहलोत सरकार एक बार फिर अपने परंपरागत वोट बैंक ग्रामीण बैंक को अपने पाले में लाने की जुगत में जुट रही है. इसके लिए मॉडल विलेज को माध्यम बनाया जा रहा है. राजस्थान के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए हर जिले में तीन गांव बनेंगे मॉडल विलेज , गहलोत सरकार हर जिले के तीन गांव को सभी सुविधाओं से जोड़ने जा रही है . 99 ब्लॉक में ये डवलपमेंट होगा.
प्रदेशभर में सामाजिक और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार की ओर से जल्द नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। जिसमें प्रदेशभर के 99 ब्लॉकों में सभी पैरामीटर्स को ध्यान में रखकर डेवलपमेंट किया जाएगा। जो अन्य क्षेत्रों के लिए रोल मॉडल बनेंगे। इसके लिए सरकार ने सभी जिला कलक्टरों से नाम मांग लिए हैं। आशांवित जिला कार्यक्रम की तर्ज पर अब प्रदेश के सभी जिलों में ऐसा कार्यक्रम चलाए जाने के लिए प्लान बनाया जा रहा है। जिससे प्रदेश के सभी ब्लॉक लेवल और जिला लेवल पर विषमताओं को समाप्त कर समन्वित एवं संधारणीय विकास अर्जित किया जा सके। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अभिसरण, सहयोग एवं प्रतिस्पर्धा के माध्यम से कमजोर सामाजिक- आर्थिक संकेतकों से प्रभावित ब्लॉक के मानव विकास सूचकांक में समग्र सुधार लाना है।
ग्रामीण विकास विभाग को कलक्टरों ने भेजी अति पिछड़े क्षेत्रों की सूची
इससे पहले आशांवित जिला कार्यक्रम के तहत ग्रामीण विकास विभाग की ओर से 60 पिछड़े ब्लॉकों का जयन किया गया था। जिसमें ऐसे ब्लॉक भी शामिल कर लिए गए जो कम पिछड़े हैं। अब सरकार ने सभी कलक्टरों से निर्धारित पैरामीटर को ध्यान में रखते हुए तीन तीन पिछले क्षेत्रों के नाम मांगे हैं। जिससे वहां नया कार्यक्रम शुभारंभ किया जा सके। जो अन्य क्षेत्रों के लिए रॉल मॉडल निभाएगा।
Source : Lal Singh Fauzdar