अगर दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई ऐसी मंजिल नहीं जिसे हासिल नहीं किया जा सकता. ऐसा ही जज्बा बारां में सिंघम लेडी के नाम से जाने जानी वाली यातायात पुलिस में तैनात प्रभारी आशा सिंह बारहठ में देखने को मिलता है. आशा सिंह बारहठ छह माह पूर्व यहां पर पदभार ग्रहण किया था. तब से आशा सिंह ने शहर की यातायात व्यवस्था को दुरूस्त कर दिया है. सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने, सडकों पर से अतिक्रमण हटाने, नाबालिगों को वाहन चलाने से रोकने और शराब पीकर वाहन चलाने वाले पर शिकंजा कसा है. एक कमरे में चलने वाला 40 जवानों के कार्यालय को अब एक खंडहर भवन को आवंटित कराकर दोबारा से जान डाल कर लोगों के सहयोग से शानदार भवन बनाने के काम में जुटी हुई है. अब यह भवन पूरी तरह से तैयार हो गया है. जोकि देखने में पुलिस थाना कम हेरीटेज होटल अधिक नजर आता है.
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लेडी सिंघम ने जिम्मेदारी से पद संभालते हुए ठेलों और वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शहर के सभी मार्गों को आवागमन के लिए दुरूस्त किया. सडकों पर जाम न लगे इसके लिए दिनभर गश्त की व्यवस्था की है. छह माह में 10 हजार 6 सौ 86 लोगों का चालान काटकर 18 लाख 49 हजार 2 सौ 50 रुपेय का जुर्माना वसूला. 1 हजार 3 सौ 18 चैपहिया वाहनों के चालान बनाकर 52700 रुपये का जुर्माना वसूलकर एक रिकार्ड बनाया. दुघर्टना में 20 प्रतिशत तक की कमी आई.
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आशा सिंह ने अभियान चलाकर बच्चों और उनके परिजनों को वाहन चलाने में सावधानी बरतने के लिए जागरूक किया. 17 स्कूलों में 15200 बच्चों को जागरूक किया. 24 प्रदर्शनी, सेमिनार, गोष्ठियों का आयोजन किया. 70 वाहन चालकों की आखों की जांच कराई ओर 2174 वाहन चालकों को प्रशिक्षण दिया गया. नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दुर्घटना रोकने ओर हेलमेट लगाने के लिए लोगों को जागरूक किया. सुबह से रात तक यातायात पुलिस शहर में गश्त करते नजर आते हैं. एक महिला पुलिस अधिकारी का काम के प्रति जज्बा लोगों के लिए नसीहत है. लोगों को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए.
Source : Ram Prasad Mehta