राजस्थान का कश्मीर कहे जाने वाले उदयपुर जिले के समीप कोटड़ा कस्बे में इन दिनों आदि महोत्सव की धूम मची हुई है. इसके चलते देशी ही नही विदेशी पर्यटक में भी महोत्सव को लेकर खासा उत्साह बना हुआ है. इस आयोजित आदि महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम को देख काफ़ी अभिभूत नजर आ रहे है। इस कार्यक्रम का आयोजन विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध संस्थान एवं पर्यटन विभाग के तत्वावधान में किया गया है ,जो उदयपुर जिले के सुदूर आदिवासी अंचल कोटड़ा ब्लॉक में स्थित है। इस आदि महोत्सव 2022 कोटड़ा’ का आगाजसंभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट व जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने विधिवत रूप से दीप प्रज्वलित कर इस रंगारंग महोत्सव का आगाज किया हैं.
पर्यटन के क्षेत्र में विश्व पटल पर अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले उदयपुर में, कोटड़ा में आयोजित इस दो दिवसीय आदि महोत्सव में भारत की विविधता में एकता की विशेषता का साक्षी बनता नज़र आया है । इस महोत्सव में मेवाड़ की लोक संस्कृति के साथ भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध किया है , भारत के विभिन्न प्रांतों से आए लोक कलाकारों ने अपने पारंपरिक लोक वाद्य यंत्रों एवं अपने प्रदेश की पौराणिक कथाओं व संस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों की प्रस्तुति से माहौल को रंगीन बना दिया। इस समारोह में जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा. झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी, समाजसेवी लालसिंह झाला, लक्ष्मीनारायण पंड्या, सुनील भजात, रामलाल गाडरी सहित विभिन्न स्थानीय जनप्रतिनिधि विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं देश विदेश से आए पर्यटक मेहमान और बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहे।
विभिन्न क्षेत्रों से आए नृत्य कलाकारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया , औऱ अपने क्षेत्र की उत्सवी परम्पराओं और संस्कृति को समेटे नृत्यों की प्रस्तुतियां देकर उपस्थित दर्शकों को देश के गौरवशाली इतिहास का परिचय कराया। वही इस दौरान पश्चिम बंगाल के नटुआ नृत्य, ओडिशा के सिंगारी नृत्य, गुजरात के राठवा नृत्य, महाराष्ट्र के सोंगी मुखौवटे नृत्य तथा मध्यप्रदेश के गुटुम्ब बाजा नृत्य की प्रस्तुतियो को दर्शक एकटक निहारते रह गए और भारतवर्ष की विभिन्न परम्परागत नृत्यशैलियों को देख स्वयं को गौरवान्वित महसूस करने लगे। बता दे कि इस आयोजन में राजस्थान के पारंपरिक गैर नृत्य, घूमर नृत्य, स्वांग व भवई सहित आदिवासी व जनजाति क्षेत्रों के पारंपरिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां भी दी गई। जो बेहद खूबसूरत रही। इस अवसर पर देशी-विदेशी पर्यटकों ने ठेठ देशी खाने यथा मक्का व बाजरे की रोटी, राबड़ी, साग आदि का जायका लिया और शुद्ध खाने का रसास्वादन कर रोमांचित हो उठे।
महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर विभिन्न परंपरागत खेल गतिविधियाँ आयोजित की गई। इसके तहत रस्साकसी, रुमाल झपट्टा, मटका दौड़ 50 मीटर सहित अन्य खेलों का आयोजन स्थानीय महिला पुरुषों व देशी विदेशी मेहमानों के लिए किया गया। इसके अलावा महोत्सव में पर्यटकों के लिए पानरवा में एडवेंचर स्पोर्ट्स, ट्रेकिंग, ट्री वॉक एवं नाल सान्दोल में जीप लाइन, वोटर रोलिंग जैसे एड्वेंचर स्पोर्ट्स का भी आयोजन किया गया जिससे पर्यटकों का उत्साह देखते ही बन रहा है। आदिवासी महिलाओं के लिए वरदान बना ,आदि महोत्सव उत्सव के तहत गतिविधियों के लिए राजीविका कोटड़ा के 124 महिला समूहों को एक करोड़ पच्चीस लाख रुपए का क्रेडिट लिंकेज का चेक भी सौंपा गया। संभागीय आयुक्त सहित अन्य अतिथियों ने चौक सौंपते हुए महिला समूहों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि क्रेडिट लिंकेज से महिला समूह आयजनक गतिविधियां कर सकेंगी।
विदेशी मेहमान भी हुए शामिल
आदि महोत्सव के पहले दिन जनजाति संस्कृति का दिग्दर्शन करने के लिए शहर से विदेशी पर्यटक भी पहुंचे । विदेशी पर्यटकों ने यहां पर जनजाति अंचल के व्यंजनों का लुत्फ उठाया और आदिवासी कला संस्कृति की झांकी देखकर मोहित हो उठे। बता दे उदयपुर जिले के आदिवासी अंचल स्थित कोटड़ा कस्बा के इस आदि महोत्सव को लेकर लोगों में काफी उत्साह का माहौल है.
Source : Jamal Khan