राजस्थान के अजमेर से हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एक शख्स ने बीएसएफ में तैनात अपने चाचा की बड़ी ही बेरहमी से हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपी जीतराम गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया है. बीएसएफ जवान प्रधान गुर्जर की हत्या में उनके भतीजे जीतराम ने अपने दो दोस्तों रामअवतार कसाना और हनुमान खटाना की मदद ली थी. पुलिस ने जीतराम के दोनों दोस्तों को भी पकड़ लिया है. हत्या का ये सनसनीखेज मामला दो दिन पुराना ही है.
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पुलिस पूछताछ में जीतरान ने बताया कि प्रधान गुर्जर उसकी पत्नी से फोन पर बातचीत किया करते थे और उसकी शिकायत करते थे. चाचा और पत्नी के बीच होने वाली बातचीत से जीतराम काफी नाराज था और वह चाचा को मौत के घाट उतारने के लिए मौके की तलाश कर रहा था. जीतराम ने बताया कि उसके चाचा अभी हाल ही में छुट्टी लेकर घर आए हुए थे. चाचा के घर लौटने के बाद जीतराम को हत्या करने का मौका मिल गया था.
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जीतराम ने रामअवतार और हनुमान के साथ रणनीति बनाई और चाचा को घुमाने के बहाने उन्हीं की गाड़ी से अजमेर और पुष्कर ले गए. सबसे पहले वे लोग अजमेर की दरगाह गए और आखिर में वे पुष्कर के ब्रह्म मंदिर गए. चाचा को मौत के घाट उतारने से पहले जीतराम ने ब्रह्म मंदिर में पूजा-अर्चना की और रात में गला घोंटकर उन्हें मार डाला. इतना ही नहीं, उसने चाचा की हत्या करने के बाद शव के चेहरे को क्षत-विक्षत कर दिया ताकि कोई उन्हें पहचान न सके.
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अंत में जीतराम ने प्रधान गुर्जर की क्षत-विक्षत लाश को उनकी बोलेरो गाड़ी में डालकर तिलोनिया गांव के एक गड्ढे में धक्का दे दिया. अगली सुबह जब गांव वालों ने गाड़ी को बाहर निकाला तो उसमें उन्होंने बीएसएफ जवान की लाश देखी जिसके बाद उन्होंने पुलिस को पूरे मामले की सूचना दी. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और प्रधान गुर्जर की कॉल डीटेल के आधार पर जीतराम को पकड़ लिया. पुलिस की मानें तो दोनों परिवारों के बीच तकरार है और लंबे समय से बातचीत भी नहीं होती.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो