राजस्थान भीषम गर्मी की चपेट में आ गया है. जिसके चलते पानी की समस्या से आम जन जीवन प्रभावित होने लगा है. राजस्थान की करीब 70 प्रतिशत आवादी पानी की समस्या से त्रस्त है. वहीं अजमेर जिले में भी भीषण गर्मी के चलते लोगो को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है. शहर सहित आसपस के गांवों में भी पानी को लेकर महिलाओं की भीड़ जल कूपों पर देखने को मिल रही है. राजस्थान में तापमान 50 डिग्री के पार चला गया है. आधे से अधिक जिलों में पानी की समस्या से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अजमेर में 3 से 4 दिनों के अंतराल में पानी आ रहा है तो वहीं आसपास के गांवों में ग्रामीण पानी के लिए कई किलोमीटर लंबा सफर तय कर रही है.
जनता अपनी प्यास बुझाने को मजबूर
गांव होकरा में सरकार ने पानी की पाइप लाइन तो डाल दी, लेकिन उसमें पानी अभी तक नही आया. ऐसे में बोरिंग से रिस-रिस कर निकलने वाले पानी से जनता अपनी प्यास बुझा रही है. पानी के लिए महिलाओं के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी खड्डों में उतरकर पानी के लिए मशक्कत कर रहे हैं. महिलाओं को पानी की समस्या के चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उनके यहां 3 से 4 दिनों पर पानी आता है, लेकिन उससे भी पूर्ति नहीं हो पाती. पानी नहीं आने के अभाव में टैंकर का सहारा लेना पड़ता है.
हैंडपंप, कुएं आदि सूख गए
गांवों के कुएं भी गर्मी के चलते सूख चुके हैं. जिससे ग्रामीणों को आस-पास के इलाकों से पानी लाना पड़ता है. पानी की समस्या से जहां हैंडपंप, कुएं आदि सूख चुके हैं. करीब 250 से 300 वर्ष पुराना चौरसियावास तालाब भी गर्मी के चलते सूख चुका है. क्षेत्रवासियों ने बताया कि इस तालाब से आसपास के लोग पानी भरते थे. साथ ही फसलों की सिंचाई के लिए भी इसी तालाब का उपयोग किया जाता था. गर्मी के चलते यह तालाब पूरी तरह से सूख चुका है. जिससे यहां के लोगो को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.
HIGHLIGHTS
- भीषण गर्मी से बढ़ा जलसंकट
- पीने के पानी के लिए जाना पड़ता है 3 से 4 किलोमीटर
- बूंद-बूंद से घड़ा भरने को मजबूर प्यासी जनता
Source : विकास टाक