बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने आज विधानसभा में मृतक किसानों के परिजनों मुआवजे से जुड़ा सवाल उठाया. प्रश्नकाल में उठाए गये इस सवाल को लेकर जहां पक्ष-विपक्ष में तनातनी हुई वहीं बीजेपी विधायकों के हंगामे पर स्पीकर डॉ. सीपी जोशी का भी सख्त रवैया देखने को मिला. मंत्री शांति धारीवाल ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कोटा संभाग में अक्टूबर 2019 से 18 फरवरी 2020 तक कुल 8 किसानों की मृत्यु हुई और इसमें से किसी भी किसान की मौत रात में बिजली देने से पिलाई करते समय नहीं हुई.
हालांकि उन्होंने कहा कि कंवरलाल नाम के एक किसान की मौत धनिया काटते समय ठंड के कारण तबीयत खराब होने से हुई. मंत्री के इस जवाब के बाद कि ठंड लगने से मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता देने का प्रावधान नहीं है. इसके बाद सदन में हंगामा हो गया और स्पीकर को कड़ा रुख अख्तियार करना पड़ा.
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मंत्री शांति धारीवाल के जवाब पर आसन से स्पीकर ने विपक्षी विधायकों को ज्यादा प्रश्न पूछने की इजाजत नहीं दी जिसका विपक्ष ने विरोध किया. स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने विपक्षी विधायकों को कड़ी फटकार लगाई और बीच में ना बोलने की हिदायत दी. स्पीकर के इस रवैये पर विपक्षी विधायकों ने बहिष्कार की चेतावनी दी और वेल में पहुंचकर विरोध जताने की कोशिश की.
इस सबके बावजूद स्पीकर का रवैया नहीं बदला और उन्होंने विरोध कर रहे सभी विधायकों को बाहर जाने को कह दिया. हालांकि बाद में सुलह हो गई और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने अपनी बात रखी. इस दौरान भी विपक्षी विधायकों ने जब बीच में बोलने का प्रयास किया तो स्पीकर ने उन्हें डांट लगाई. उधर मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजीव गांधी कृषक साथी योजना के तहत दुर्घटना होने पर मुआवजे का प्रावधान है और कोई ये साबित कर देता है कि सर्दी से मौत पर मुआवजा दिया जाता है तो वे अपनी गलती मान लेंगे.
बता दें कि किसानों से जुड़े सवालों पर सदन में अक्सर पक्ष-विपक्ष में तकरार देखने को मिल रही है और आज फिर से मुआवजे से जुड़े मसले को लेकर पक्ष-विपक्ष में रार देखने को मिली.