राजस्थान में कांग्रेस की सरकार शपथ ले चुकी है, लेकिन पिछली बीजेपी सरकार में विधानसभा अध्यक्ष बनाए गए कैलाश मेघवाल अभी भी अपनी सत्ता चला रहे हैं. नए स्पीकर का चयन होने से पहले ही 16 दिसंबर को मेघवाल ने 40 विधायकों को आवास आवंटित कर दिए. खास बात यह है कि राज्यपाल कल्याण सिंह ने 12 दिसंबर को 14 वी विधानसभा को भंग कर चुके हैं और नई सरकार को शपथ भी दिला चुके हैं. इस फैसले के बाद मेघवाल सवालों में घिर गए हैं. ये मामला सीएमओ तक पहुंच गया है.
स्पीकर के आदेश के बाद विधानसभा ने 14 कांग्रेस, 19 बीजेपी, एक आरएलडी और तीन निर्दलीयों को आवास देने के ऑर्डर जारी कर दिए, जबकि तीन के बाकी हैं. विधायक नगर पश्चिम में सबसे ज्यादा 16 आवास आवंटित किए गए हैं. गांधीनगर में 8, विधायक नगर पूर्व में 7 और जालूपुरा में 6 विधायकों को आवास आवंटित किए गए हैं.
विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कहा कि मैं स्पीकर हूं, जब तक नया स्पीकर नहीं चुना जाता तब तक स्पीकर की सर्वोच्च शक्तियां मेरे पास हैं. मुझे अपनी शक्तियों का प्रयोग करने से राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी नहीं रोक सकते. मैंने अपनी शक्तियों के आधार पर ही 40 को आवास आवंटित किए हैं. आगे भी करता रहूंगा. कानूनी और नियमों की स्थिति यह है कि गृह समिति भी कोई रिकमंड करेगी तो उसे स्वीकार करना स्पीकर के विचाराधीन होता है.
(फोटो-कैलाश मेघवाल)
कांग्रेस के विधायक और प्रदेशाध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने नियम तोड़ा है और भ्रष्टाचार करके संसदीय परंपराओं को तार- तार कर आवास आवंटित किए हैं. उन्होंने पद और गरिमा का दुरुपयोग किया है. खाचरियावास ने कहा बीजेपी नेताओं के हार के बाद दिमाग खराब हो गए हैं वो हार को पचा नहीं पा रहे हैं.
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वहीं बीजेपी के नेताओ का कहना है अभी कैलाश मेघवाल विधानसभा अध्यक्ष हैं. विधायकों को जो आवास आवंटित किए हैं वो नियम विरुद्ध नहीं हैं. दरअसल यह लड़ाई नियम और नीति की है. अब देखना होगा नए विधानसभा अध्यक्ष विधायकों के आवंटन को रद्द करते हैं या ऐसे ही रखते हैं.
Source : News Nation Bureau