राजस्थान के बूंदी जिले में इन दिनों चंबल अपने रौद्र रूप पर चल रही है जिसके चलते चंबल से सटे इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं. बूंदी जिले का केशोरायपाटन कस्बे में चंबल नदी के किनारे बसी कॉलोनियां जल मग्न हो गई हैं. कस्बे के लोग काफी समस्या में आ गए हैं. कस्बे की चार बस्तियां जलमग्न हो गई हैं, मकानों सहित कमरों में 5 फिट पानी भर गया हे जिसके चलते कई परिवारों ने चाट पर आशियाना ले रखा है, तो कुछ को अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. चंबल का यह रूप इससे पहले 1986 देखा गया था.
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सबसे बड़ी बात देखने में यह आ रही है कि रोटेदा गांव में ग्राम पंचायत में करीब डेढ़ सौ ग्रामीणों ने शरण ले रखी है. उनके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन एसडीआरएफ सहित एनडीआरफ कर रही है. उन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि उन्हें सही व्यवस्थित सही जगह पर ले जाया जाए. वही रोटेदा गांव में टीन शेड के नीचे बैठे कुछ युवकों को पता भी नहीं चला कि पल भर में वहां पर पानी आ गया. टीन शेड के चारों ओर पानी भर गया और पांचों युवक अपनी जान बचाने के लिए टीन शेड के ऊपर चढ़ गए. सभी युवकों ने गांव वालों से बचाने के लिए कहा. ग्रामीणों ने जब युवकों की तरफ लंबी रस्सी फेंकी तो सभी पांचों युवक लंबी रस्सी पकड़कर उस टीन शेड से नीचे आए और पानी के सहारे सही स्थान पर पहुंचे.
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वहीं डॉलर गांव में करीब 8 ग्रामीण टापू में फंस गए, जिन्हें रेस्क्यू टीम की मदद से बाहर निकाला गया. चंबल अपने रौद्र रूप पर चल रही है. चारों ओर पानी का भयंकर नजारा देखा जा रहा है. बूंदी जिले में स्थित जवाहर सागर बांध के सभी 12 गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है, जिसका पानी कोटा के कोटा बैराज एनीकट में आता है. बूंदी जिले के केशोरायपाटन इलाके में हालात बहुत खराब हैं. यहां पर सूचना मिलने पर प्रशासनिक अधिकारी सहित टीम रवाना हो रही है और बचाव के प्रयास कर रही है.
केशवराय पाटन कस्बे के केशव मंदिर पुजारी का कहना है कि ऐसा पानी का और इस चंबल नदी का विकराल रूप मैंने मेरे जीवन में दूसरी बार देखा है. इससे पहले 1986 में मैंने ऐसा विकराल रूप देखा था उसके बाद 2019 में यह दूसरी बार देखा जा रहा है.
Source : भवाणी सिंह