कई महीनों के बाद आज रविवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक साथ एक मंच पर दिखे. किसानों के समर्थन में कांग्रेस विधायक दल के द्वारा दिये गए एकदिवसीय धरना प्रदर्शन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों एक साथ उपस्थित हुए थे. इस मौके पर राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्थान सरकार के तमाम मंत्री,सभी विधायक एवं कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे.
किसानों को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि देश के इतिहास में कुछ ऐसे मोड़ आते हैं जो निर्णायक हो जाते है. केंद्र की सरकार ने जो कदम उठाया है तीन बिल लाकर उसके परिणाम भविष्य में सामने आएंगे. बिना किसी राज्य सरकार से सलाह और मशवरा लिए केंद्र सरकार ने घमंड और तानाशाही से इस कृषि कानून को पास करवाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार में कोई भी मंत्री किसान हितेषी नही हैं. यदि किसान के साथ खड़ा होना राजनीति है, तो हम ये राजनीति करते रहेंगे.
बता दें कि राजस्थान की राजनीति में गहलोत और पायलट को फिर से एक मंच पर लाने का श्रेय अजय माकन को दिया जा रहा है. बताया जा रहा कि अजय माकन ने पिछले एक माह में जबरदस्त होमवर्क किया है, जिसका नतीजा है कि आज फिर से गहलोत और पायलट एक साथ मंच पर दिखे. एक लंबे समय बाद गहलोत और पायलट दोनों एक साथ बैठे और आपस में बातचीत भी की.
वैसे बता दें कि राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से सचिन पायलट की कोई बात नहीं हुई. राजनीतिक दृष्टि से कांग्रेस का यह धरना कामयाब माना जा रहा है. आज को धरने को ले कर पायलट कैंप के लोगों में काफी उत्साह है क्योंकि लंबे समय के बाद पायलट मुख्य धारा की राजनीति में लौटे हैं. बताया जा रहा है कि अब पीसीसी पुनर्गठन-राजनीतक नियुक्तियां-मंत्रिमंडल फेरबदल में दिखेगा 'पायलट फैक्टर' का असर. राजस्थान की राजनीति में कयास लगाए जा रहा है कि सचिन पायलट को दिल्ली में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने वाली है. वैसे इतना तय है कि अगले तीन साल गहलोत मुख्यमंत्री बने रहेंगे.
Source : News Nation Bureau