राजस्थान के उदयपुर में शुक्रवार से कांग्रेस का नव संकल्प चिंतन शिविर शुरू हो गया है. तीन दिवसीय इस चिंतन शिविर में कांग्रेस पार्टी अपनी आगे की रणनीति पर मंथन करेगी. इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, एकबार फिर हमसे अपने साहस और समर्पण की उम्मीद की जा रही है. रणनीति में बदलाव और रोजाना के काम करने के तौर तरीके में बदलाव. हमारे पुनर्थन एक सामूहिक प्रयास से ही हो सकता है. हमारे सुनहरे इतिहास में एक ऐसा समय आया है जब हमें निजी हितों को पार्टी के सामने रखना होगा. पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब समय कर्ज उतारने का है.
अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर सोनिया केंद्र को घेरा
सोनिया गांधी ने कहा, अब तक यह पूरी तरह से और दर्दनाक रूप से स्पष्ट हो गया है कि पीएम मोदी और उनके सहयोगियों का वास्तव में उनके नारे 'अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार' से क्या मतलब है? इसका मतलब है कि देश को ध्रुवीकरण की स्थायी स्थिति में रखना. लोगों को लगातार भय और असुरक्षा की स्थिति में रहने के लिए मजबूर करना, अल्पसंख्यकों को चालाकी से निशाना बनाना और उन पर अत्याचार करना जो हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और हमारे देश के समान नागरिक हैं.
कांग्रेस में ढांचागत सुधार की बहुत जरूरत है- सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए कहा,भाजपा-RSS की नीतियों के कारण आज देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उसपर विचार करने के लिए ये शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है. ये देश के मुद्दों पर चिंतन और पार्टी के सामने समस्याओं पर आत्मचिंतन दोनों ही है. सोनिया गांधी के अनुसार, कांग्रेस में ढांचागत सुधार की आवश्यकता है. इस मौके पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के देशभर के 400 बड़े नेता इसमें शामिल हुए हैं. सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
Source : News Nation Bureau