राजस्थान कांग्रेस की अंदरूनी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. सीएम अशोक गहलोत के कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के नामांकन नहीं भरने के ऐलान के बाद कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी (Mahesh Joshi) ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सीएम का माफी मांगना यह राजनीति में एक मिसाल है. जहां तक सीएम का सवाल है या फिर हमारे खिलाफ कार्रवाई का तो आलाकमान जो तय करेगा वह हमें मंजूर होगा. साथ ही महेश जोशी ने ये भी कहा है कि हमें उम्मीद है आलाकमान हमारी बातें जरूर सुनेगा.
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महेश जोशी ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से माफी मांगी है. यह विनम्रता की मिशाल है, उनका यह साहसिक कदम है. सारे मुद्दे सीएम के माफी मांगने के साथ खत्म हो गया है. सीएम ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने कभी भी आलाकमान की बात को नजरअंदाज नहीं किया है, इसलिए सीएम ने माफी मांगी. इतना दुःख है कि 25 सितंबर को ढंग से सो नहीं पाए, इतना दुःख तो चुनाव हारने पर भी नहीं हुआ.
मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि सीएम ने नैतिक रूप से इस बात की जिम्मेदारी ली है कि विधायक दल की बैठक नहीं हो पाई. उन्होंने कहा कि मैं फिर यह कहना चाहता हूं कि हमने कभी यह नहीं कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला हम करेंगे. हमने सिर्फ तीन बातें कही हैं, जो लोग मानेसर गए थे उनमें से किसी को सीएम न बनाया जाए. मुख्यमंत्री का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के बाद हो, क्योंकि अगर आप आउटगोइंग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हटा रहे हैं तो उसकी सलाह ली जाए. आलाकमान जो भी फैसला लें उसमें गहलोत की बात को महत्व दिया जाए.
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उन्होंने कहा कि हमने यह नहीं कहा था कि यह प्रस्ताव में लिख दिया जाए. हमने सिर्फ यह कहा था भले इस बात से आप टेलीफोन से अवगत करा दें, आलाकमान जो कहता वही करते हैं. सबसे पहले विधायकों की राय शुमारी कब हुई है. इसके लिए बिंदू पहले बताए जाते हैं, लेकिन उस दिन तो बिना बिंदू बताए ही विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. राजस्थान में जो घटना हुई, निश्चित रूप से उसके चलते पार्टी पर सवाल खड़े हो रहे, अब आलाकमान तय करेगा. अगर हमने इतनी बड़ी गलती की है तो सजा मिलनी चाहिए, जो आलाकमान तय करेगा हमें मंजूर होगा.