राजस्थान में सीएम पद को लेकर खींचतान फिर शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बयान के बाद सियासी घामासान मच गया है. इस बीच पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने भी बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद राजस्थान में कांग्रेस के विधायक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा, कर्नाटक और गोवा का राजस्थान की सियासत पर भी असर पड़ेगा. उन्होंने कहा, राहुल गांधी के बाद गहलोत के इस्तीफे की भी उम्मीद जताई जा रही थी. हो सकता है जयपुर में कांग्रेस विधायकों में भगदड़ मच जाए.
वहीं BJP विधायक अशोक लाहौटी का कहना है कि 5 साल पूरे होने से पहले ही मुखयमंत्री बदल जाएंगे, उन्होंने कहा, सीएम गहलोत अपने 5 साल पूरे नहीं कर पाएंगे. सीएम गहलोत का ये आखिरी बजट है और वो बार बार दिल्ली के चक्कर भी लगा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया है कि 2 महीनों में राजस्थन में भगदड़ मचना तय है.
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बीएसपी नेता ने किया सीएम गहलोत का समर्थन
सियासी बयानबाजी के बीच बीएसपी नेता ने गहलोत का साथ देने की बात की है. बीएसपी के राजेन्द्र गुढ़ा ने कहा है कि बीएसपी के सभी विधायक गहलोत के साथ हैं. सभी समाज गहलोत को सीएम बनाना चाहते थे. वहीं दूसरी तरफ पुर्व मंत्री कालीचरण सराफ ने राजस्थान में मध्यावधि चुनाव की संभावना जताई है. उन्होंने कहा, राजस्थान की सरकार में कलह है ऐसे में कांग्रेस सरकार जल्द गिर जाएगी.
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किस मामले को लेकर गहलोत-पायलट आमने सामने
बता दें, कर्नाटक और गोवा के बाद अब राजस्थान कांग्रेस में फूट पड़ गई है.अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) अब खुलकर आमने-सामने आ गए हैं. सचिन पायलट कह रहे हैं कि जनता ने अशोक गहलोत के नाम पर वोट नहीं दिया और ऐसा ही आरोप अशोक गहलोत भी सचिन पायलट पर लगा रहे हैं.
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बारे में कहा जाता है कि उन्हें पता है कि कब, कहां और कितना बोलना है. बजट पेश करने के बाद अशोक गहलोत ने सीएम बनने के 8 महीने बाद आखिरकार उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को साफ कर दिया कि वह राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने का मंसूबा ना पालें. अशोक गहलोत ने कहा कि विधानसभा चुनाव में लोगों ने उनके नाम पर वोट दिए हैं. इसके चलते कांग्रेस ने उनको मुख्यमंत्री बनाया है. किसी और के नाम पर वोट नहीं मिले हैं. जो मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में भी नहीं थे वह भी अपना नाम आगे ला रहे हैं.
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वहीं, सचिन पायलट को लगता है कि 5 साल तक हमने मेहनत की और जब मलाई खाने का वक्त आया तो गहलोत टपक पड़े. सचिन पायलट को लगता था कि लोकसभा चुनाव (LOk Sabha Election) के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी उनको मौका देंगे, मगर कोई कुछ नहीं बोल रहा है तो सचिन पायलट की भी बेसब्री बढ़नी लाजमी है. बिना पत्रकारों के सवाल पूछे ही सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में सरकार कार्यकर्ताओं की मेहनत से बनी है और राहुल गांधी के नाम पर बनी है न कि किसी और के नाम पर बनी है.
सियासी बयानबाजी के बीच बीएसपी नेता ने गहलोत का साथ देने की बात की है. बीएसपी के राजेन्द्र गुढ़ा ने कहा है कि बीएसपी के सभी विधायक गहलोत के साथ हैं