राजस्थान में सियासी घमासान जारी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अपने विधायकों को होटल भेज दिए हैं. लेकिन इस बीच जो खबर आ रही है वो चौंकाने वाली है. बीटीपी विधायक आज मुख्यमंत्री आवास तो पहुंचे, लेकिन होटल नहीं पहुंचे हैं.
सूत्रों की मानें तो परेड करने पहुंचे सभी विधायकों को होटल फेयर माउंट में बाड़ेबंदी की गई है. लेकिन बीटीपी विधायक वहां नहीं पहुंचे हैं. बीटीपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश भाई वसावा ने एक आदेश जारी किया है.
आदेश के मुताबिक दोनों विधायकों राजकुमार रोत और रामप्रसाद डिंडोर को तटस्थ बने रहने के निर्देश दिए गए हैं. बीटीपी ने कहा कि विधानसभा के फ्लोर टेस्ट में ना गहलोत को वोट देंगे ना सचिन पायलट को वोट देंगे. दोनों विधायकों को तटस्थ रहने को कहा गया है.
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इससे पहले सोमवार को विधायक दल की बैठक हुई. कांग्रेस विधायक दल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया और सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था जताई.
मुख्यमंत्री गहलोत के सरकारी निवास पर विधायक दल की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया. बैठक में कांग्रेस तथा उसके समर्थक निर्दलीय एवं अन्य विधायक मौजूद थे. पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि कुल मिलाकर 106 विधायक इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए. बैठक में कांग्रेस के साथ साथ बीटीपी के दो, माकपा के एक, आरएलडी के एक विधायक और कांग्रेस का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक भी मौजूद रहे.
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उपमुख्यमंत्री तथा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट द्वारा बागी तेवर अपना लिए जाने के मद्देनजर यह महत्वपूर्ण बैठक थी जिसमें विधायकों ने सरकार विरोधी व पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की चाहे वे पदाधिकारी हों या विधायक दल के सदस्य. उपमुख्यमंत्री पायलट व उनके करीबी माने जाने वाले विधायक इस बैठक में शामिल नहीं हुए.
Source : News Nation Bureau