राजस्थान क्रिकेट संघ में एक बार फिर घमासान शुरू हो गया है. जोशी और नांदू गुट फिर आमने सामने हो गए हैं. वजह है आरसीए अध्यक्ष की कुर्सी. दोनों गुटों ने आरसीएम दफ्तर में अलग अलग कार्यकारिणी की बैठक भी बुला ली. दोनों गुटों के अपने अपने दावें है. लेकिन इस बार क्रिकेट के विवादों की पिच पर दो कांग्रेस नेता ही आमने सामने हैं. दरअसल हाल ही में पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष चुने गए हैं. लेकिन आरसीए अध्यक्ष सीपी जोशी गुट उनके निर्वाचन को अवैध करार दे चुका है.
यह भी पढ़ें: Success Story: राजस्थान के पहले नेत्रहीन जज की कहानी किसी मिसाल से कम नहीं
डूडी ने सीपी जोशी द्वारा निलम्बिंत आरसीए सचिव रहे राजेन्द्र नांदू के जरिए क्रिकेट की पिच पर पारी की शुरुआत की. नांदू को आरसीए के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी का करीबी माना जाता है.सीपी जोशी ने फिर साफ किया कि डूडी का निर्वाचन पूरी तरह से अवैध है.
यह भी पढ़ें: थानेदार के रील लाइफ के सीन को लेकर रीयल लाइफ में मचा बवाल, जानिए दिलचस्प किस्सा
वहीं दूसरी और नांदू और डूडी ने आरसीए में बैठक करके 22 सितंबर को आरसीए के चुनाव कराए जाने का नोटिस चस्पा दिया. साथ ही आरोप लगाए कि जोशी गुट
चुनाव नहीं कराना चाहता. जैसे ही नांदू औऱ डूडी के आरसीए आने की सूचना मिली तो सीपी जोशी भी वहां आ गए.फिर दोनों ने अलग अलग बैठक करते हुए अपने- अपने दावे औऱ तर्क पेश किए. वहीं कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान के सीएम गहलोत अपने बेटे वैभब गहलोत को आरसीए का अध्यक्ष बनाना
चाहते है
बता दें पिछले करीब चार साल से ललित मोदी जब आरसीए के अध्यध बने थे, तब से ही राजस्थान क्रिकेट के बुरे दिन शुरु हो गए थे. मोदी के अध्यक्ष बनते ही
बीसीसीआई ने राजस्थान क्रिकेट संघ की सदस्यता समाप्त कर दी थी, हालांकि राजस्थान में कांग्रेस आते ही सीपी जोशी आरसीए के अध्यक्ष बन गए हैं, लेकिन
मोदी अभी भी नांदू के जरिए आरसीए में अपना दखल बनाए हुए हैं. सीपी जोशी का कहना है कि कुछ लोगों का क्रिकेट से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन वो आरसीए को बीसीसीआई की सदस्यता दिलाकर रहेंगे.
Source : लाल सिंह फौजदार